सुप्रीम कोर्ट चिंतित: दिल्ली महिला आयोग बंद होने की कगार पर। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के \“बंद\“ होने पर चिंता जताई और यह पूछा, \“संकट में महिलाएं कहां जाएंगी।\“
जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे से आयोग को बंद किए जाने से रोकने को लेकर कुछ उपाय करने को कहा है।
\“संकटग्रस्त महिलाएं कहां जाएंगी\“
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, \“यह बंद हो गया है। संकटग्रस्त महिलाएं कहां जाएंगी। उनके पास अध्यक्ष नहीं है। उनके पास कर्मचारी नहीं हैं। सब कुछ अव्यवस्थित है।\“ कोर्ट ने यह बात एक हालिया मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कही, जिसमें यह बताया गया कि डीसीडब्ल्यू बंद हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महिला आयोग का कार्यालय पिछले साल से बंद
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी बाल तस्करी से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान की, जहां ऐसे मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए कई निर्देश दिए गए थे। दवे ने कहा कि वह आयोग को बंद करने के मुद्दे पर गौर करेंगी। नई दिल्ली के विकास भवन में स्थित महिला आयोग का कार्यालय जनवरी, 2024 से लगभग बंद है, क्योंकि इसके पास कोई अध्यक्ष नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष मई में दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर 200 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया था। जनवरी, 2024 में स्वाति मालीवाल के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद डीसीडब्ल्यू में अध्यक्ष पद रिक्त है। डीसीडब्ल्यू की वेबसाइट के अनुसार, अध्यक्ष और सदस्य सचिव समेत चार सदस्यों का पद खाली है। आयोग का गठन 1994 के दिल्ली महिला आयोग अधिनियम के तहत किया गया था। |