पुतिन के दौरे से भारत को क्या-क्या मिलेगा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत की हवाई ताकत का एहसास कराया है। इस ऑपरेशन में रूस निर्मित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी वायुसेना के दर्जनों विमानों को सैकड़ों किलोमीटर दूर से ही ट्रैक कर ध्वस्त कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
2018 में 5.43 बिलियन डॉलर की डील के तहत भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट खरीदी थीं। अब ऑपरेशन सिंदूर के प्रदर्शन से उत्साहित होकर भारत सरकार अतिरिक्त पांच रेजिमेंट खरीदने की तैयारी में है।
कितना ताकतवर है S-400?
एक रेजिमेंट में 16 लॉन्चर व्हीकल, दो बैटरी, कमांड-कंट्रोल सेंटर और हाई-रेजोल्यूशन रडार शामिल होते हैं। यह सिस्टम अब भारतीय वायुसेना की रीढ़ बन चुका है. आकाश, MRSAM, स्पाइडर जैसे स्वदेशी व विदेशी सिस्टम के साथ पूरी तरह एकीकृत हो गया है।
पुतिन की भारत यात्रा पर S-500 पर चर्चा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आने वाली भारत यात्रा में S-400 का विस्तार तो चर्चा में है, लेकिन असली बड़ी डील S-500 प्रोमेथियस की है। यह S-400 का सिर्फ अपग्रेड नहीं, बल्कि पूरी तरह नया जनरेशन सिस्टम है. ये सिस्टम हवाई हमलों के साथ-साथ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक हथियारों को भी नष्ट कर सकता है।
को-प्रोडक्शन का प्रस्ताव हो सकता है पेश
सबसे बड़ी खबर यह है कि रूस S-500 को को-प्रोडक्शन मॉडल में ऑफर कर सकता है। अल्माज-एंटे कंपनी के साथ कोई भारतीय पार्टनर मिलकर मिसाइल के महत्वपूर्ण पार्ट्स भारत में ही बनाएगा ऐसा प्रस्ताव पेश करने की खबर है। यह ‘मेक इन इंडिया’ के लिए सबसे बड़ा रक्षा सौदा हो सकता है।
विशेषता S-400 S-500
रेंज
400 km
500-600 km
ऊंचाई
30 km तक
180-200 km तक
टारगेट टाइप
एयरक्राफ्ट, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल
एयरक्राफ्ट, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपरसोनिक हथियार
डिफेंस रोल
थिएटर एयर डिफेंस
नेशनल बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक डिफेंस
इंटरसेप्टर फैमिली
48N6, 40N6
77N6-N, 77N6-N1
थ्रेट कैटेगरी
टैक्टिकल और ऑपरेशनल
टैक्टिकल और स्ट्रेटेजिक
कवरेज
रीजन की सुरक्षा करता है / थिएटर
शहरों और ज़रूरी नेशनल एसेट्स की सुरक्षा करता है
डिटरेंस आउटकम
रीजनल एयर एडवांटेज
कॉन्टिनेंटल मिसाइल और हाइपरसोनिक एडवांटेज
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