कालेश्वर वन अनुभाग के तहत जंगल में लगी आग को बुझाते वन कर्मी। साभार वन विभाग
संवाद सहयोगी, जागरण, कर्णप्रयाग: विकासखंड के गांवों में इन दिनों गुलदार और भालू की गतिविधियों के साथ-साथ अज्ञात लोगों द्वारा गांव की सीमा पर आग लगाने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे वन्य जीवों और पेड़-पौधों को नुकसान हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सोमवार को नंदप्रयाग वन रेंज के कालेश्वर अनुभाग के सिरतोली बीट में लगी आग पर वन कर्मियों ने काबू पा लिया है। हालांकि आग ऊपरी चट्टानी क्षेत्र में होने के कारण सुबह फिर से फैल गई।
इसे बुझाने के लिए विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है। वहीं मौणा के जंगलों में भी लगी आग को काबू पाने में सोमवार शाम और मंगलवार सुबह भी वन कर्मचारी जुटे रहे।
वन क्षेत्राधिकारी नंदप्रयाग रेज हेमंत बिष्ट ने कहा कि अज्ञात लोगों द्वारा लगाई गई आग के मामले में विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी के बावजूद ठंड के मौसम में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे जंगली जीवों का रुख आबादी की ओर बढ़ जाता है।
ऐसे में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले अराजकतत्वों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की पत्रावलियां तैयार की जा रही हैं।
वहीं कर्णप्रयाग विकासखंड के नंदप्रयाग रेंज के जंगलों में लगी आग से चीड़ और बांज के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। कर्णप्रयाग के नाकोट डिम्मर, कनखुल, रैखाल शंकरीगली और केदारखाल के जंगलों में सोमवार शाम लगी आग से वन्य जीवों और पेड़-पौधों को झुलसने का खतरा है।
ग्रामीण विनय खंडूड़ी और सुशील ने बताया कि जंगलों में लगी आग की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई थी, जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर टीम ने आग को काबू करने का प्रयास शुरू किया।
हालांकि, हवा के साथ आग के चट्टानी भाग तक पहुंचने से दिनभर धुएं का गुब्बार उठता रहा। वन क्षेत्राधिकारी हेमंत बिष्ट ने बताया कि वन विभाग की टीम को सतर्क रहने और आग लगाने वालों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं।
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