राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य की जेलों (कारागारों) में अब बंदियों को जाति के आधार पर काम का वितरण नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल (प्रथम संशोधन)-2025 को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। जेलों में जाति के आधार पर बंदियों को दिए जाने वाले काम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पत्रकार सुकन्या शांता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेलों में जाति-आधारित श्रम का विभाजन असंवैधानिक है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जेल मैनुअल में संशोधन करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि दोषी या विचाराधीन कैदियों के रजिस्टरों से जाति का कालम हटाया जाए। हाथ से मैला उठाने या सीवर तथा सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे कामों की अनुमति न जाए। |