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मुंबई के फ्लैट से चलता था डिजिटल अरेस्ट गिरोह, विदेश यात्रा से लेकर ट्रांजक्शन तक पर रखते थे नजर

cy520520 2025-12-2 14:06:56 views 464

  

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)



कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। राजस्थान के भंवर से पकड़े गए साइबर ठग राकेश पटेल से पूछताछ में तकनीकी टीम को कई चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी हैं।

गिरोह महाराष्ट्र में किराए के फ्लैट को ‘डिजिटल अरेस्ट स्टूडियो’ की तरह इस्तेमाल करता था, जहां फर्जी कोर्ट रूम, क्राइम ब्रांच और सीबीआई ऑफिस जैसे सेटअप बनाकर वीडियो कॉल पर लोगों को डराया जाता था।

स्थानीय एजेंटों से हासिल सिम कार्ड के जरिए डॉक्टरों, इंजीनियरों, व्यवसायियों समेत विभिन्न बड़े लोगों का डेटा चोरी किया जाता था।

उनके यात्रा विवरण, भारी लेनदेन और संदिग्ध संपत्ति जैसी जानकारी इकट्ठी कर शातिर ठग अपने टारगेट को पूरी करने के लिए उन्हें जाल में फंसा लेते थे। कौन कब किन देशों की यात्रा कर रहा है। किसने हैवी ट्रांजक्शन किया, कौन गलत तरीके से संपत्ति अर्जित कर रखा है आदि की जानकारी इन शातिरों के पास होती थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

एसएसपी हृदय कांत के निर्देश पर डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव के नेतृत्व में साइबर थाना की टीम पकड़ाए राकेश के नेटवर्क और उसे संरक्षण देने वालों की कुंडली कंघाल कर धरपकड़ की कार्रवाई में जुटी हुई है।
लाखों की ठगी को वैध दिखाने को होटल–एयरलाइन में निवेश

गिरोह शिकार से मिले रुपये को वैध दिखाने के लिए कारोबार के क्षेत्रों में निवेश कराता था। रकम पहले सऊदी अरब और दुबई में संपर्कों के खातों में भेजी जाती थी, जहां से क्रिप्टो की मदद से उसे होटल, एयरलाइन सहित अन्य क्षेत्रों में लगाया जाता था। मजबूत नेटवर्क और सफेदपोशों के संरक्षण के कारण इनकी गतिविधियां लंबे समय तक पकड़ में नहीं आईं।
हैवी लेनदेन पर बैंक कर्मियों की भूमिका संदिग्ध

तकनीकी जांच में यह बात सामने आई कि डिजिटल अरेस्ट के शिकारों के खातों से लाखों रुपये बिना जरूरी सत्यापन के निकाल लिए गए। कई बैंक कर्मियों ने आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए संदिग्ध अमाउंट का स्थानांतरण सहजता से कर दिया।

भागलपुर में महिला प्रोफेसर ड. निर्मला कुमारी सहित दर्जनभर मामलों में बैंक कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। साइबर थाना टीम अब इन कर्मियों की पहचान और उनके तार गिरोह से जोड़ने की जांच आगे बढ़ा रही है।
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