जागरण संवाददाता, अलीगढ़। खैर नगर पालिका परिषद ने अधिकार समाप्त होने के बाद भी 41 भवन (मकान-दुकानों) के नक्शे स्वीकृत कर दिए। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। जांच में पता चला है कि इन नक्शों से राजस्व विभाग को करीब 1.14 करोड़ रुपये की राशि की क्षति पहुंचाई गई। पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने इस मामले की शिकायत की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब जांच अधिकारी व एडीए की सचिव दीपाली भार्गव ने जांच रिपोर्ट एडीएम प्रशासन को भेज दिया है। इसमें नियमों का उल्लंघन कर जारी किए नक्शों को शून्य घोषित कर संबंधित अधिशासी अधिकारी व अवर अभियंता के खिलाफ खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। अंतिम निर्णय अब शासन से होगा।
खैर नगर पालिका क्षेत्र को 16 जनवरी 2025 की सार्वजनिक अधिसूचना के बाद अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) में शामिल किया गया था। नियमों के मुताबिक इस क्षेत्र में किसी भी निर्माण या विकास कार्य के लिए एडीए की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य है, लेकिन प्राधिकरण की अनुमति के बगैर मनमाने ढंग से मानचित्र स्वीकृत कर दिए गए। पिछले दिनों पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने इस मामले की शिकायत शासन स्तर पर की।
वहां से जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए। अब एडीए की सचिव ने इस पूरे मामले की जांच कर ली है। इसमें काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में पता चला है कि नगरपालिका ने क्षेत्राधिकार समाप्त होने के बावजूद 41 भवन मानचित्र अवैध रूप से पास कर दिए। न केवल यह स्वीकृतियां तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण थीं, बल्कि इससे सरकारी ख़ज़ाने को क्षति पहुंचाई गई। जांच अधिकारी ने इस सभी मानचित्रों को गंभीर कदाचार की श्रेणी में बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार खैर नगर पालिका के अवर अभियंता व तत्कालीन अधिशासी अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है।
भ्रष्टाचार की भी आंशका
एडीए की जांच में काफी संवेदनशील तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि खैर नगर पालिका द्वारा पूर्व में नक्शा स्वीकृति के लिए तहसील स्तर पर कई अधिकारियों-कर्मचारियों की रिपोर्ट लगाई जाती थी, लेकिन इन नक्शों में कुछ अधिकारियों की ही रिपोर्ट लगाकर स्वीकृति दे दी गई है। ऐसे में इस खेल में भ्रष्टाचार से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।
खैर नगर पालिका द्वारा नक्शा स्वीकृति से जुड़े मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है। जांच में नगर पालिका के स्तर से काफी अनियमितताएं सामने आई हैं। -दीपाली भार्गव, सचिव, एडीए
खैर नगर पालिका द्वारा भ्रष्टाचार कर यह नक्शे स्वीकृति किए गए थे। जिम्मेदारों ने अधिकार न होते हुए स्वीकृति दे दी है। जांच में इसका पर्दाफाश हो गया है। - प्रमोद गौड़, पूर्व विधायक |