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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का असर; जम्मू-कश्मीर बोर्ड को मिला नया नाम, क्या है स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी?

Chikheang 2025-12-1 23:09:16 views 1016

  

इन बदलावों से शिक्षा प्रणाली में सुधार की उम्मीद है।



राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लिया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को औपचारिक रूप से स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (SSSA) नामित किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह प्राधिकरण स्कूल शिक्षा संस्थानों के लिए पारदर्शी, स्वतंत्र और प्रभावी नियमन सुनिश्चित करेगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि देश के कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जैसे राष्ट्रीय माध्यिक शिक्षा बोर्ड (राष्ट्रीय स्तर पर), हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन और मिजोरम बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ने पहले ही अपनी-अपनी सरकारों द्वारा स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी रूप में अधिसूचित किए जा चुके हैं।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 1975 के अधिनियम के तहत स्थापित जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन पाठ्यक्रम निर्माण, परीक्षाओं के संचालन और स्कूलों की संबद्धता का वैधानिक प्राधिकरण है।

बोर्ड के पास पर्याप्त आधारभूत ढांचा, सिस्टम और विशेषज्ञता उपलब्ध है, जिसके आधार पर वह स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी के नियामक दायित्वों को प्रभावी रूप से निभा सकता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी का उद्देश्य स्कूलों में गुणवत्ता सुनिश्चित करना, सुरक्षा मानकों, आधारभूत ढांचे, शिक्षक योग्यता, शासन-प्रणाली और वित्तीय पारदर्शिता से संबंधित नियमों की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करना है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने अधिकारों का उपयोग करते हुए, जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर संघ शासित प्रदेश का स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी नामित किया जाता है।

यह निर्णय जम्मू-कश्मीर में स्कूल शिक्षा प्रणाली के नियमन, गुणवत्ता और पारदर्शिता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र परख ने यह अनुशंसा की है कि राज्य परीक्षा बोर्डों को ही राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण के रूप में अधिसूचित किया जाए, ताकि विभिन्न स्कूल बोर्डों के बीच मानकों की समानता सुनिश्चित की जा सके।
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