ओडीएल प्रणाली की शुरुआत में देरी और प्राइवेट परीक्षाओं पर असमंजस के कारण छात्र परेशान हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, मेरठ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से प्राइवेट परीक्षा कराना प्रतिबंधित कर दिया गया है। देश और प्रदेश के कुछ एक विश्वविद्यालयों को छोड़कर अन्य ने इस निर्णय को लागू कर दिया है, लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) की व्यवस्था अभी अधर में अटकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्राइवेट परीक्षा बंद करने के बाद विकल्प के तौर पर आनलाइन व ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) यानी दूरस्थ शिक्षा के तहत पाठ्यक्रमों के संचालन की मांग उठी। विश्वविद्यालय ने प्रयास किए, यूजीसी से मान्यता भी मिल गई। मान्यता के बाद से अब तक ओडीएल के तीन सत्र बीत चुके हैं, मगर विश्वविद्यालय प्रशासन पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू नहीं कर सका है। विश्वविद्यालय की ओर से ओडीएल को संचालित करने के लिए पंजीकरण शुरू कराए गए थे। व्यवस्था का पर्याप्त प्रचार-प्रसार न किए जाने से पंजीकरण कम हुए। अब जिन पाठ्यक्रमों में पंजीकरण कम हुए, उनमें पंजीकृत छात्रों की फीस विश्वविद्यालय ने अगले वर्ष एडजस्ट करने की बात कही है। बहरहाल अब तक भी यह तय नहीं हो सका है किसीसीएसयू अपना ओडीएल पाठ्यक्रम शुरू कर सकेगा या नहीं।
प्राइवेट परीक्षा फार्म खुलने का इंतजार कर रहे विद्यार्थी : सीसीएसयू से हर वर्ष लगभग एक लाख विद्यार्थी प्राइवेट परीक्षा फार्म भरते हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र और छात्राओं की संख्या सर्वाधिक होती है। इसीलिए प्राइवेट व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष अब तक विश्वविद्यालय ने प्राइवेट परीक्षा फार्म खोलने का निर्णय नहीं लिया है। |