फैसले के बाद साीरियल किलर को कोर्ट से बाहर लाती पुलिस।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 15 साल पहले सेक्टर-38 में 21 वर्षीय एमबीए छात्रा की बेरहमी से हत्या करने वाले सीरियल किलर मोनू कुमार को शुक्रवार को स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी। उसे वीरवार को अदालत ने दोषी करार दे दिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछले साल चंडीगढ़ पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली थी और सेक्टर-38 की शाहपुर कालोनी के रहने मोनू कुमार को गिरफ्तार किया था। दोषी मोनू 14 साल तक पुलिस से बचता रहा था। वह इतना शातिर था कि अपने पास मोबाइल भी नहीं रखता था।
आखिर में पिछले साल पुलिस ने उसे शक के आधार पर पकड़ा और उसका डीएनए सैंपल लिया। पुलिस ने नेहा के शव से कुछ डीएनए सैंपल ले रखे थे और जब मोनू के डीएनए सैंपल को उनसे मिलाया किया गया तो वह मैच हो गए। इससे यह साबित हो गया कि मोनू ने ही नेहा का दुष्कर्म किया था और वह फिर उसकी हत्या कर दी थी। वह दो और महिलाओं की हत्या कर चुका है।
डीएनए से पकड़ा गया था आरोपित
करीब 14 साल तक पुलिस मृतक छात्रा के हत्यारे को पकड़ नहीं पा रही थी। पुलिस के साथ-साथ परिवार ने भी इंसाफ की आस छोड़ दी थी। पुलिस ने तो इस मामले को बंद कर जिला अदालत में अनट्रेस रिपाेर्ट भी दाखिल कर दी थी। हालांकि अंदरखाते पुलिस ने जांच जारी रखी थी। पुलिस ने इन वर्षों में कई संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल लिए ताकि हत्यारे तक पहुंचा जा सके।
पुलिस के पास डीएनए सैंपल ही एक जरिया था जिससे हत्यारे का पता लगाया जा सके। पुलिस को जब छात्रा का शव मिला था तो उसके कपड़ों और शरीर के अंगों से कुछ डीएनए सैंपल लिए थे जोकि उसके साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले के थे। इन वर्षों में पुलिस ने करीब 100 संदिग्ध लोगों के डीएनए सैंपल लिए थे।
एक महिला की हत्या की जांच के दौरान मिला क्लू
पुलिस को जनवरी, 2022 में सेक्टर-54 में एक महिला का शव मिला था। उसके साथ भी दुष्कर्म किया गया था। पुलिस उसके कातिल को भी ढूंढ नहीं पा रही थी। दोनों हत्याओं का पैटर्न एक जैसा था इसलिए पुलिस ने उस महिला के शव से मिले डीएनए का छात्रा के शव से मिले डीएनए से मिलान करवाया तो वह मैच हो गया।
ऐसे में पुलिस को एक क्लू मिल गया कि 2010 में छात्रा की हत्या करने वाला और 2022 में महिला की हत्या करने वाला हत्यारा एक ही है। ऐसे में पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया। इस दौरान पुलिस को मोनू कुमार भी मिल गया। ऐसे में पुलिस ने जब मोनू के डीएनए की जांच की तो वह उन दोनों हत्याओं से मैच कर गया।
कोचिंग के लिए निकली थी घर से
सेक्टर-38 की रहने वाली 21 वर्षीय छात्रा 30 जुलाई 2010 को घर से कोचिंग के लिए निकली थी। वह एमबीए की कोचिंग ले रही थी। आम तौर पर वह रात को नौ बजे तक घर लौट आती थी, लेकिन उस रात उसे घर वापस आने में काफी देर हो गई।परिवार को चिंता होने लगी, क्योंकि उसका फोन भी नहीं लग रहा था।
कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास भी छात्रा की कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में परिवार ने बेटी को ढूंढना शुरू कर दिया। सेक्टर-39 के पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखाई गई।परिवार ने सेक्टर-38 के एक टैक्सी स्टैंड के पास छात्रा की स्कूटी देखी जिस पर खून के निशान थे। उन्होंने आसपास के इलाके में खोज शुरू की तो उन्हें अपनी बेटी का शव मिला। उसके सिर पर किसी भारी चीज से वार किया गया था। |