बंदी गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में बंद था और पहले भी उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
जागरण संवाददाता, मऊ। जिला जेल में बंदी के आत्महत्या के मामले में कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने संज्ञान लिया और जांच का आदेश दिए है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने जमानत देने के बाद कागजातों में कमी मिलने पर वापस जमानत खारिज कर दिया गया था। इससे बंदी के मानसिक रूप से परेशान था। दूसरी तरफ प्रथम दृष्टया दो आरक्षियों की लापरवाही उजागर होने पर जेल अधीक्षक आनंद कुमार शुक्ला ने निलंबित कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिला कारागार में बुधवार को दाेपहर में गैंग्सटर एक्ट में बंद विचाराधीन कैदी गाजीपुर जनपद के सैदपुर थाना के विक्रमपुर गांव निवासी अजीत रावत ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग पाइप के सहारे गमछे से आत्महत्या कर लिया था। इससे जेल प्रशासन और बंदियों में अफरा-तफरी मच गई थी। जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला ने बताया कि बैरक की सुरक्षा में आरक्षी सत्य प्रकाश और अंकुर को तैनात किया गया था।
इन दोनों की नजरों से बचकर बंदी चोरी छिपे हास्पिटल के पीछे जाकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पाइप के सहारे गमछे से लटककर आत्महत्या कर लिया। प्रारंभिक जांच में दोनों की लापरवाही सामने आई है। इस पर दोनों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस की माने तो बंदी पर चिरैयाकोट थाने में चाेरी व आर्म्स एक्ट के तहत कुल तीन मामला दर्ज किया गया था।
इसके बाद बंदी पर गैंग्सटर एक्ट में भी मामला दर्ज किया गया था। तीन माह पूर्व बंदी ने गैंग्सटर एक्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद से जेल में बंद था। पिछले माह अक्टूबर में बंदी की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। कागजातों में कमी मिलने पर कोर्ट ने जमानत खारिज कर दिया गया था। जमानत मिलने के बाद से लगभग एक माह से जेल में ही बंद था।
जिला कारागार में बंदी के आत्महत्या करने का मामला संज्ञान में है। मामले की जांच के लिए कारागार विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट आने के बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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दारा सिंह चौहान, कारागार मंत्री |