बिहार में दस हजार रुपये ट्रांसफर, सीट बंटवारे में देरी और वोट चोरी के कारण हारी कांग्रेस। सांकेतिक तस्वीर
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली में समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के दौरान हार के कारणों पर बिहार के पार्टी उम्मीदवारों ने अपनी बात रखी।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक के दौरान दो नेताओं के बीच झगड़े की कुछ रिपोर्टें आईं।
हालांकि, पप्पू यादव ने इन रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा कि ये गलत हैं। जागरण पटना कार्यालय के अनुसार, बैठक के पहले इंदिरा भवन में नेताओं का हंगामा भी हुआ। पार्टी के दो नेता संजीव सिंह व जितेंद्र यादव आपस में ऐसे उलझे कि दोनों के बीच गोली-पिस्तौल तक की बात हो गई। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं को अलग किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रेट्र के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को बताया कि राजग सरकार द्वारा महिला लाभार्थियों को 10 हजार रुपये का हस्तांतरण, महागठबंधन के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे में देरी, आंतरिक कलह और वोट चोरी चुनावी हार के कारणों में से हैं। तीनों शीर्ष नेताओं ने दस-दस के समूहों में उम्मीदवारों से मुलाकात की।
बाद में, उन्होंने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेता कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और तारिक अनवर तथा पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव सहित राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों पर विचार-विमर्श किया।
बैठक के बाद वेणुगोपाल ने कहा कि चार घंटे की समीक्षा बैठक से एक बात बिल्कुल स्पष्ट हो गई है कि बिहार चुनाव कोई वास्तविक जनादेश नहीं है, यह पूरी तरह से प्रभावित करने वाला और मनगढ़ंत परिणाम है। |