तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। तीन दिन पहले पत्नी और बच्चों को दिल्ली भेजने के बाद गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी यादव भी दिल्ली चले गए। पटना हवाईअड्डा पर मीडियाकर्मी उनसे संवाद करना चाह रहे थे, लेकिन तेजस्वी दूरी बनाए रहे। न कुछ कहा, न सुना। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही तेजस्वी इस अंदाज में दिख रहे। अन्यथा आते-जाते हुए वे मीडिया के प्रश्नों का प्राय: उत्तर देते रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सोमवार को पुत्री कात्यायनी और पुत्र इराज को लेकर तेजस्वी की पत्नी राजश्री दिल्ली जा चुकी हैं। उनके पीछे तेजस्वी निकले हैं। दिल्ली प्रवास का कारण तो स्पष्ट नहीं, लेकिन पार्टी-जनों को अनुमान है कि यह संभवत: तीन दिन का है।
एक दिसंबर से विधानसभा की बैठक आहूत है, जिसमें नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। तेजस्वी लगातार तीसरी बार राघोपुर में विजयी रहे हैं। पार्टी के साथ विधायी दायित्वों के निर्वहन के लिए सदन में उनकी उपस्थिति संभावित है।
राजद के अब तक के इतिहास में इस बार के चुनाव परिणाम ने दूसरा बड़ा झटका दिया है। महागठबंधन के बैनर तले 143 सीटों पर लड़कर मात्र 25 पर जीत मिली है। दो सीट भी कम हो गई होती तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के ओहदे की संभावना शून्य हो जाती।
2010 में राजद को मात्र 22 सीटें मिली थीं। वह अब तक की सबसे करारी हार रही है। इस बार की हार इस कारण भी बड़ा झटका है, क्योंकि तेजस्वी 18 नवंबर को मुख्यमंत्री की शपथ लेने का दावा सार्वजनिक रूप से दोहरा रहे थे।
परिणाम के बाद से उन्होंने चुप्पी साध ली है। पार्टी के स्तर पर बुधवार से हार के कारणों की समीक्षा प्रमंडलवार हो रही। नौ दिसंबर को यह समीक्षा विराम पाएगी। समीक्षा के निष्कर्षों पर सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी को आगे की कार्रवाई करनी है।
राबड़ी देवी को भी पहले से आवंटित बंगला (10, सर्कुलर रोड) छोड़कर नए आवास (39, हार्डिंग रोड) में जाना है। चुनाव परिणाम तक राबड़ी आवास में तेजप्रताप आदि को छोड़कर परिवार के सभी सदस्य थे। अभी मात्र लालू और राबड़ी हैं। |