आबादी देह क्षेत्रों में ड्रोन सर्वे और प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर मिलेगा जमीन का मालिकाना हक। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब आबादी देह क्षेत्रों में ग्रामीणों को ड्रोन सर्वे और प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर जमीन का मालिकाना हक मिल सकेगा। स्वामित्व, लीज और बंधक (कब्जे सहित या बिना कब्जे) जैसे संपत्ति अधिकारों का हस्तांतरण भी आसानी से हो जाएगा, जिससे ग्रामीण न केवल बैंकों से ऋण ले सकेंगे, बल्कि अन्य वित्तीय सहायता भी प्राप्त कर सकेंगे। स्वामित्व मिलने से प्रॉपर्टी की बेहतर कीमत मिल सकेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विधि एवं विधायी विभाग की ओर से ‘हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितिकरण, अभिलेखन एवं समाधान) अध्यादेश की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे आबादी देह क्षेत्रों में कब्जाधारकों को ड्रोन सर्वे और प्रॉपर्टी कार्ड के आधार पर स्वामित्व अधिकार प्रदान करने का रास्ता साफ हो जाएगा। यह अध्यादेश राजस्व संपदा के आबादी देह क्षेत्र में स्वामित्व अधिकारों के निहितिकरण, अभिलेखन और समाधान की प्रक्रिया को कानूनी मान्यता प्रदान करेगा।
तीन नवंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अध्यादेश लाया गया था, जिसे राज्यपाल प्रो. असीम घोष ने भी स्वीकृति दे दी है। इसका मुख्य उद्देश्य आबादी देह क्षेत्रों में कब्जाधारकों के स्वामित्व अधिकारों की पहचान करना, उनका अभिलेखन करना और उनका समाधान करना है। जिन लोगों का स्वामित्व सर्वोत्तम रूप से सिद्ध होता है, उन्हें मालिकाना हक दिया सकेगा। प्रत्येक सर्वे इकाई की सीमाओं और क्षेत्रों को चिन्हित करेगा तथा सरकारी अभिलेखों में दर्ज जानकारी को प्रमाणिक सत्य के रूप में मान्यता देगा।
सरकार के इस फैसले से आबादी देह क्षेत्रों में सुनियोजित विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। गांवों की विरासत के संरक्षण, नागरिक सुविधाओं के सुधार, भूमि मूल्य में वृद्धि और ग्रामीण ढांचे को शहरी मानकों के अनुरूप विकसित करने में सहायता मिलेगी। साथ ही सीमाओं और स्वामित्व से जुड़े पुराने विवादों का समाधान होगा। नया नियम स्वामित्व अधिकारों के अभिलेखन और निहितिकरण की पारदर्शी एवं प्रभावी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा, जिससे सामुदायिक विकास और संसाधनों तक समान पहुंच को बल मिलेगा।
नहीं बन पा रहे थे सरकारी दस्तावेज
आबादी देह भूमि किसी के नाम पर नहीं होती। लोगों को ऐसी भूमि के सरकारी दस्तावेज बनवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उसके समाधान के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना चलाई है।
आबादी देह का ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए मैपिंग का कार्य पूरा किया जाएगा। ड्रोन सर्वेक्षण मैपिंग डाटा के आधार पर राजस्व विभाग द्वारा ग्राउंड की औपचारिकताएं पूर्ण होने पर आबादी देह के मालिकों को उनका हक मिल पाएगा। |