प्रो. विशाली गुप्ता
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के उन्नत नेत्र केंद्र की प्रो. विशाली गुप्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल करेंगी। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय बन गई हैं।
यह सम्मान नेत्र शोथ के क्षेत्र में अग्रणी शिक्षाविदों की विशिष्ट वैश्विक संस्था अंतरराष्ट्रीय यूवाइटिस अध्ययन समूह (आईयूएसजी) की ओर से प्रदान किया जाएगा। दुनिया भर के लगभग 150 विशेषज्ञों की अपनी अत्यधिक चुनिंदा सदस्यता के साथ आईयूएसजी यह सम्मान हर चार साल में केवल एक बार उस शोधकर्ता को प्रदान करता है जिसने यूवाइटिस के क्षेत्र में उत्कृष्ट उत्कृष्टता और प्रभाव प्रदर्शित किया हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जुलाई में जर्मनी में ग्रहण करेंगी स्वर्ण पदक
यह स्वर्ण पदक इस विशेषज्ञता के सबसे प्रतिस्पर्धी पुरस्कारों में से एक है, जिसका निर्णय संस्था के सभी सदस्यों द्वारा दो चरणों वाली कठोर मतदान प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। प्रो. गुप्ता जुलाई 2026 में जर्मनी के ट्यूबिंगन में आयोजित आईयूएसजी बैठक में औपचारिक रूप से यह पुरस्कार ग्रहण करेंगी और स्वर्ण पदक व्याख्यान देंगी।
यह ऐतिहासिक सम्मान आईयूएसजी की स्थापना के बाद पहली बार है जब किसी भारतीय प्रशिक्षित और भारत-स्थित चिकित्सक-वैज्ञानिक को इस सम्मान के लिए चुना गया है। प्रो. गुप्ता ने अपने मार्गदर्शक प्रो. आमोद गुप्ता के अनुकरणीय मार्गदर्शन के लिए और अपने शैक्षणिक विकास में सक्षम आधार, समर्थन और वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए अपने संस्थान पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के प्रति आभार व्यक्त किया। |