पंजाब रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी, 28 नवंबर से होगा विरोध, सरकार पर लगाए आरोप (File Photo)
जागरण संवाददाता.पटियाला। पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कंट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब की राज्य स्तरीय बैठक प्रदेश संस्थापक कमल कुमार, चेयरमैन बलविंदर सिंह, प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल व संयुक्त प्रधान हरकेश कुमार विक्की की अगुवाई में आयोजित हुई। बैठक के बाद नेताओं ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार बैठकों के बावजूद कच्चे कर्मचारियों की मांगों का कोई समाधान नहीं किया जा रहा और अब धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार को सत्ता में आए लगभग चार वर्ष होने जा रहे हैं, परंतु ट्रांसपोर्ट विभाग में एक भी कच्चे कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया।
दावा किया गया कि यूनियन ने संघर्ष के माध्यम से अब तक 50 से 60 बैठकों में हिस्सा लिया, जिनमें से दो बैठकें स्वयं मुख्यमंत्री के साथ हुईं। बावजूद इसके, बार-बार 15 दिन या एक महीने में मांगें मानने का आश्वासन देने के बाद भी सरकार ने एक भी मुद्दा हल नहीं किया। जिसके चलते आठ दिसंबर को यूनियन नेताओं ने हड़ताल की चेतावनी दी है।
यूनियन नेताओं ने सरकार पर परिवहन विभाग को निजी हाथों में सौंपने का आरोप लगाते हुए कहा कि किलोमीटर स्कीम के नाम पर निजी बसें लाकर सरकारी ट्रांसपोर्ट कमजोर की जा रही है। हरकेश कुमार विक्की ने कहा कि नौकरियां देने की बजाय निजीकरण बढ़ाया जा रहा है, जिससे बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है और युवा निराशा व नशे की ओर धकेले जा रहे हैं।
यूनियन नेताओं ने कहा कि जब विभाग स्वयं बसें खरीद सकता है तो निजी मालिकों की बसों पर निर्भर होना समझ से परे है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट विभाग से सरकार के 1200 करोड़ रुपये फ्री यात्रा के मद में बकाया हैं, ऐसे में कर्मचारियों को पक्का न करना अन्याय है। बैठक में बलजीत सिंह, जोध सिंह, रोही राम, बलींदर सिंह, गुरप्रीत पनु, बलजीत सिंह गिल, उलीक चंद, जलोर सिंह, सरबजीत सिंह भुल्लर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
8–10 दिसंबर को पूर्ण हड़ताल, 28 नवंबर से विरोध कार्यक्रम तेज
राज्य सचिव शमशेर सिंह ढिल्लो ने बताया कि मांगें पूरी न होने की स्थिति में आंदोलन तेज किया जाएगा। इसके तहत 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे राज्यव्यापी गेट रैलियां, यदि पीआरटीसी प्रबंधन ने टेंडर खोला तो तुरंत बस सेवाएं ठप करने का ऐलान और 8, 9, 10 दिसंबर को पूर्ण हड़ताल की जाएगी।
वहीं यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि मांगे न मानी गईं तो मुख्यमंत्री, ट्रांसपोर्ट मंत्री और पीआरटीसी चेयरमैन के आवास पर पक्का धरना दिया जाएगा। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया और किलोमीटर स्कीम वापस नहीं ली, तो मजबूरन 52 सवारियों का नियम लागू करते हुए आंदोलन और कठोर किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। |