इमरान खान के स्वास्थ्य पर जेल प्रशासन का अपडेट। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत को लेकर अदियाला जेल प्रशासन ने बड़ा अपडेट दिया है। जेल प्रशासन ने बुधवार को कहा कि उन्हें जेल से बाहर निकाल दिया गया और उनकी सेहत ठीक है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल जियो ने रावलपिंडी जेल के अधिकारियों के हवाले से एक बयान में कहा कि अदियाला जेल से उनके ट्रांसफर की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने कहा था , \“वह पूरी तरह से ठीक हैं और उन्हें पूरा मेडिकल इलाज मिल रहा है।\“
मौत की अफवाहों का जेल प्रशासन द्वारा खंडन
पिछले सप्ताह अदियाला जेल के बाहर इमरान खान की तीन बहनों ने उन पर और इमरान खान के समर्थकों पर हुए पुलिस हमले की बिना किसी भेदभाव के जांच की मांग की थी, जिसके बाद से अदियाला जेल में उनकी हालत को लेकर अजीब दावे सोशल मीडिया पर आ रहे हैं।
कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने बिना कंफर्म किए रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए दावा किया कि इमरान खान को आसिम मुनीर और उनके ISI एडमिनिस्ट्रेशन ने मार डाला है।
इमरान खान की बहनें - नोरीन नियाजी, अलीमा खान और डॉ। उजमा खान, एक महीने तक खान से मिलने से मना किए जाने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों के साथ अदियाला जेल के बाहर डेरा डाले हुए थीं।
इमरान खान की मौत की अफवाहें
इमरान खान की मौत की अफवाहें तब सामने आईं और जंगल में आग की तरह फैल गईं जब \“अफगानिस्तान टाइम्स\“ नाम के एक हैंडल ने दावा किया कि भरोसेमंद सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व PM की अदियाला जेल में हत्या कर दी गई है। इन दावों की पुष्टि किसी भरोसेमंद एजेंसी या डिपार्टमेंट ने नहीं की है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ लीडर इमरान खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में हैं। सरकार ने पिछले एक महीने से ज्यादा समय से किसी से भी उनसे मिलने पर बैन लगा दिया है। खैबर-पख्तूनख्वा के चीफ मिनिस्टर सोहेल अफरीदी जेल में इमरान खान से मिलने की लगातार सात कोशिशों के बाद भी उनसे नहीं मिल पाए।
परिवार का पुलिस पर हिंसा का आरोप
इमरान खान की बहनों ने पंजाब पुलिस चीफ उस्मान अनवर को लिखे एक लेटर में कहा कि जब वे पिछले हफ्ते अदियाला जेल के बाहर शांति से प्रोटेस्ट कर रही थीं, तो उनके साथ हिंसा हुई। जिसे उन्होंने पुलिसवालों द्वारा बिना उकसावे के बेरहमी से और सोची-समझी साजिश बताया।
PTI न्यूज एजेंसी ने नोरीन नियाजी के हवाले से कहा, \“हमने उनकी सेहत की चिंता में शांति से प्रोटेस्ट किया। हमने न तो सड़कें ब्लॉक कीं, न ही लोगों की आवाजाही में रुकावट डाली, और न ही कोई गैर-कानूनी काम किया। फिर भी बिना किसी चेतावनी या उकसावे के इलाके की स्ट्रीट लाइटें अचानक बंद कर दी गईं, जिससे जानबूझकर वहां अंधेरा हो गया। इसके बाद पंजाब पुलिस के जवानों ने सोची-समझी साजिश के तहत हमला किया।\“
उन्होंने आरोप लगाया, \“71 साल की उम्र में, मुझे बालों से पकड़ा गया, जोर से ज़मीन पर फेंका गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे मुझे चोटें आईं।\“ उन्होंने यह भी कहा कि जेल के बाहर मौजूद दूसरी महिलाओं को भी थप्पड़ मारे गए और घसीटा गया। |