सुबह के समय ठंड के साथ छाये स्माग ने किया लोगों को परेशान (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, पानीपत। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआइ का स्तर 316 तक पहुंच गया है, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। जबकि ग्रैप थ्री की पाबंदियों हट चुकी हैं, ऐसे में लोगों के लिए यह ओर भी समस्या खड़ी कर सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पाबंदियां हटने से जो प्रदूषण के स्तर पर वृद्धि की संभावना फिर हो गई हैं। हालांकि बुधवार को एक्यूआइ का स्तर परेशान करने वाला रहा। शहर में प्रदूषण नियंत्रक एजेंसियां, जैसे नगर निगम व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मिलकर कोशिश कर रहे हैं, पर अब तक हवा की खराबी को नियंत्रित नहीं कर पाए हैं।
इधर, तापमान में गिरावट जरूर दर्ज की गई हैं। अधिकतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मगर सर्द हवाओं और धूल-धुएं के मिश्रण ने स्माग बढ़ गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तापमान नीचे आता है, हवाएं धीमी होती हैं, और वायु में पीएम-2.5 व पीएम-10 जैसे कण जमा होने लगते हैं। स्माग व प्रदूषण और खतरनाक बन जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक एक्यूआइ 300 प्लस का स्तर गंभीर स्वास्थ्य खतरा दिखाता है। खासकर बच्चों, बुज़ुर्गों, अस्थमा या दिल की बीमारी वाले लोगों को बाहर निकलते समय सतर्क रहना चाहिए। ग्रैप थ्री जैसी पाबंदियां हटने के बाद निर्माण कार्य, ट्रैफिक व गैस उत्सर्जन फिर से बढ़ सकते हैं। जिससे वायु की गुणवत्ता और बिगड़ सकती है।
मौसम में ठंड व शीतल हवाओं की संभावना है, जिससे हवा स्थिर रहेगी। इसका मतलब स्माग और प्रदूषण का स्तर बना रह सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि वायु प्रदूषण की मानीटरिंग जारी रहे।
सार्वजनिक और निजी वाहन कम इस्तेमाल करें, निर्माण कार्य व खुली आग जलाने पर रोक लगाएं। बुजुर्ग, बच्चे व सांस रोगी घर के अंदर रहें, या उच्च गुणवत्ता वाला मास्क पहनें। |