टाटा स्टील की नोवामुंडी माइंस में एक शिफ्ट पूरी तरह से महिलाओं के हवाले है।
राज्य ब्यूरो, रांची । राज्य की महिलाएं अब खनन के क्षेत्र में काम करने के लिए आगे रही हैं। टाटा स्टील ने अपने खनन क्षेत्रों में महिलाओं को कार्य देने के लिए पहल शुरू की थी। अब कई अन्य कंपनियां भी महिलाओं को इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। टाटा स्टील के नोवामुंडी खनन क्षेत्र में एक शिफ्ट पूरी तरह से महिलाओं के हवाले है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यानी सारा कार्य महिलाएं ही करती हैं। इसमें भारी मशीन चलाने से लेकर सभी तरह के कार्य शामिल हैं। उक्त बातें टाटा स्टील और खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के तत्वाधान में खनन में महिलाएं विषय पर आयोजित सेमिनार में कहीं गई।
डीजीएमएस के निदेशक उज्जवल तह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पहले खनन क्षेत्र में सिर्फ पुरुष काम करते थे। लेकिन अब समय बदल गया है। महिलाएं भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। टाटा स्टील के नोवामुंडा खनन क्षेत्र में महिलाओं से काम लेने की शुरुआत की थी।
उनकी सुरक्षा के मानको का ध्यान रखते हुए महिलाओं को काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अब महिलाओं की सुरक्षा और फीडबैक के आधार पर फिर से गाइडलाइन बनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि झारखंड में खनन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां पर खनन का भंडार है। सरकारी कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियां भी खनन कर रही हैं।
नोवामुंडी खनन क्षेत्र में तीन शिफ्ट में काम कर रही महिलाएं
नोवामुंडी खनन क्षेत्र के जीएम अतुल कुमार भटनागर ने कहा कि महिलाओं को इस क्षेत्र में काम करने के लिए आसपास गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया। शुरूआत में 23 पोस्ट पर नियुक्ति के लिए बहुत कम आवेदन आए थे। लेकिन जब महिलाओं ने इस क्षेत्र में काम करने का अनुभव बताया तो कई महिलाएं स्वेच्छा से काम करने के लिए आगे आर्ईं।
वर्ष 2019 में ओएमक्यू डिविजन में 93 महिलाओं ने काम शुरू किया। एक नवंबर 2025 से वहां पर 181 महिलाएं काम कर रही हैं। टाटा के धनबाद कोलियरी में आपरेशन मैनेजर के पद काम कर रही बी गायत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र में काम करना आसान नहीं है, लेकिन अधिकारियों के मार्गदर्शन से वह दो साल से सफलतापूर्वक काम कर रही हैं।
अब कई युवतियां इस क्षेत्र में काम करने के लिए उत्सुक हैं।अंडर ग्राउंड खनन में भी महिलाएं काम कर रही हैं और आने वाली चुनौतियों का सामना भी कर रही हैं। इस दौरान टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, डब्ल्यूआइएम, कोल इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान जिंक, एनटीपीसी, सिंगरेनी कोलियरीज, लायड्स मेटल्स और जेएसडब्ल्यू स्टील आदि प्रमुख खनन कंपनियों के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी गई। |