प्रतीकात्मक तस्वीर।
मोहम्मद हारून, नूंह। अल फलाह यूनिवर्सिटी के सफेदपोश आतंकी डाॅ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी और उसके द्वारा जमा किया गया अमोनियम नाइट्रेट अब खूब चर्चा में है। आतंकी अमोनियम नाइट्रेट में अन्य रसायनिक पदार्थों का मिश्रण कर विस्फोटक तैयार करते थे और फिर इसके जरिए धमाके करते थे। इस अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में खाद के अलावा पहाड़ों में खनन के कार्य के लिए किया जाता है। अमोनिया नाइट्रेट आसानी से खाद विक्रेताओं के पास मिल जाती है। दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बाद यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए कड़ी चुनौती बन चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खाद बेचने का लाइसेंस कृषि विभाग जारी करता है। हालांकि, अमोनियम नाइट्रेट का रिकाॅर्ड कृषि विभाग के पास भी नहीं होता। इसका रिकाॅर्ड खुद डीलर को ही रखना होता है। इसमें खाद बेचने वाले डीलर को जहां से यह खरीदा गया है और जिसको बेचा है उसका बिल व अन्य कागजात अपने पास सबूत के तौर पर रखने अनिवार्य होते हैं।
कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अमोनियम नाइट्रेट को जिस भी किसान को बेचा जाता है उसे आधार कार्ड देख कर एक प्रति अपने पास रखने तथा पूरी डिटेल लेने के बाद ही ग्राहक को दिया जाता है लेकिन अक्सर खाद विक्रेता नियमों की पालना नहीं करते हैं।
आसानी से मिलता है अमोनियम नाइट्रेट
जिले में लगभग 350 अधिकृत खाद विक्रेताओं के कृषि विभाग की तरफ से लाइसेंस जारी किए हुए। इसके अलावा खाद के अधिकृत 27 होल सेल डीलर है। इनमें तीन फिरोजपुर झिरका, एक नगीना, तीन पिनगवां, छह पुन्हाना, चार नूंह, पांच तावड़ू में हैं। इसके अलावा सरकारी एजेंसियों भी क्रय-विक्रय से जुड़ी हैं।
कृषि और बागवानी में होता है प्रयुक्त
नूंह जिला अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है। यहां पर खनन पर 2002 से पाबंदी है, बावजूद इसके पिछले कुछ समय में फिरोजपुर झिरका, पिनगवां व तावड़़ू क्षेत्र में अवैध रूप सें खनन कार्य हो रहा है। खनन कार्यों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अवैध खनन करने वाले इसे पत्थर तोड़ने के लिए इस्तेमाल करते थे। जो उन्हें आसानी से मिल जाता था।
नूंह से सटे राजस्थान में खनन पर कोई पाबंदी नहीं है। वहां पर इसकी मात्रा काफी संख्या में खनन से जुड़े लोगों के पास होती है। कृषि विभाग के उप निदेशक विरेंद्र आर्य ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट को कृषि, बागवानी में खाद के इस्तेमाल के रूप में किया जाता है।
कृषि विभाग के पास ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं होती कि जिले में अमोनियम नाइट्रेट की कितनी खरीद-बिक्री होती है। हां, यह जरूर है कि यहां पर सब्जी बागवानी ज्यादा होती है। इसलिए कुछ खाद विक्रेता अपने जरूरत के हिसाब से इसे बेचने का काम करते हैं। विभाग की ओर से यह दावा किया जाता है कि समय-समय पर खाद विक्रेताओं के रिकार्ड की जांच होती रहती है।
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