दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते हालात के मद्देनजर स्कूलों के बंद होने की याचिका पर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के सचिव की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्या बागची की पीठ वजीरपुर जेजे कॉलोनी एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी और केंद्र सरकार, शिक्षा निदेशालय और अन्य उत्तरदाताओं के जवाब नहीं दाखिल करने पर नाराजगी व्यक्त की।
\“नोटिस भेजा गया था\“
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, \“\“कार्यालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि सभी सात उत्तरदाताओं को 20 सितंबर, 2025 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से नोटिस भेजा गया था। हालांकि, केवल उत्तरदाता संख्या-4 ने उपस्थिति दर्ज कराई है और अपना काउंटर हलफनामा दाखिल किया है। उत्तरदाता संख्या एक से तीन, अर्थात दिल्ली सरकार और इसके शिक्षा निदेशालय के साथ ही भारत सरकार ने उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प नहीं चुना है।\“\“ विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आदेश में क्या कहा गया?
आदेश में कहा गया, \“\“दुर्भाग्यवश, यह विभाग भी अदालत की सहायता के लिए आगे नहीं आया। ऐसी परिस्थितियों में हम दिल्ली राज्य के शिक्षा निदेशालय के सचिव को तलब करते हैं, जो 01 दिसंबर, 2025 को उपस्थित रहेंगे। इस बीच, दिल्ली की एनसीटी और इसके शिक्षा निदेशालय को भी अपना काउंटर हलफनामा दाखिल करना होगा।\“\“
पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को आदेश की एक प्रति शिक्षा निदेशालय के सचिव को सूचना और आवश्यक अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया। एक संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि 2022, 2023 और 2024 में स्कूलों को विषाक्त वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लंबे समय तक बंद रखा गया था।
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