deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Rishikesh Karnprayag Rail Project: कर्णप्रयाग तक कब पहुंचेगी ट्रेन? अभी लगेगा लंबा वक्‍त, आई नई डेट लाइन

deltin33 2025-11-27 01:55:12 views 101

  

रेल विकास निगम लिमिटेड ने परियोजना को लेकर नई समय अवधि तय की। आर्काइव



जागरण संवाददाता, ऋषिकेश।अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो दिसंबर 2028 तक कर्णप्रयाग तक ट्रेन पहुंच जाएगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम पूरा करने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने दिसंबर 2028 का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, इससे पहले की कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचाने की समय सीमा बढ़ चुकी है। परियोजना के तीन टनलों को ब्रेक-थ्रू (आर-पार) करने के लिए दिसंबर 2026 तक की डेटलाइन रखी गई है। चार और स्टेशनों के निर्माण के तकनीकी टेंडर हो चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सामरिक दृष्टि से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन बेहद अहम है। इसके साथ ही यह गढ़वाल मंडल के जिलों को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ेगा। रेल विकास निगम लिमिटेड ने परियोजना का काम पूरा करने के लिए दिसंबर 2028 का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए टनलों से लेकर स्टेशनों का काम तेजी से किया जा रहा है। पहले दिसंबर 2026 तक काम पूरा करने का लक्ष्य था। परियोजना में तेरह स्टेशन बनने हैं। इसमें से वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो चुका है। यहां से ट्रेनों का संचालन भी होता है।

शिवपुरी और ब्यासी रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। परियोजना के पैकेज दो के तहत आने वाले देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर स्टेशन के काम के तकनीकी टेंडर हो चुके हैं। इसमें अब वित्तीय टेंडर होने हैं। स्टेशनों का निर्माण 163.45 करोड़ से होगा। पैकेज तीन के धारी देवी, तिलनी, घोलतीर और गौचर रेलवे स्टेशन निर्माण 126.16 करोड़ की लागत से होना है। परियोजना के सबसे बड़े स्टेशन कर्णप्रयाग के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। यहां 26 रेल लाइन बिछेंगी। रेल परियोजना में तीन टनलों की दस किलोमीटर की खोदाई का काम अभी होना है। इसमें मुख्य और निकास सुरंग है। यानी कुल छह ब्रेक-थ्रू होने हैं। इसमें ढालवाला से नीरगड्डू, कौडियाला से तीन धारा के पास शिवमूर्ति तक और नरकोटा से घोलतीर तक की टनल शामिल है। बाकी टनलों को आर-पार किया जा चुका है।  
रेल परियोजना पर एक नजर

  • कुल लागत 16216 करोड़ रुपये
  • वर्ष 2019 में शुरू हुआ कार्य, 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था
  • कुल लंबाई 126 किमी
  • 16 सुरंगों से होकर गुजरेगी इसमें से 105 किमी लाइन
  • सबसे लंबी सुंरग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
  • सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सेवई से कर्णप्रयाग के बीच)

11 सुरंगों की लंबाई छह किमी से अधिक

परियोजना के तहत बीरभद्र, योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग (सेवई) में 13 स्टेशन हैं।


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम दिसंबर 2028 तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। कोशिश चल रही है कि इस समय अवधि में काम पूरा कर दिया जाए। तीन टनलों में कुल छह ब्रेकथ्रू होने हैं। इसमें मुख्य और निकास सुरंग शामिल है। दो और स्टेशनों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। बाकी के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया चल रही है। - ओपी मालगुड़ी, उप महाप्रबधंक, सिविल, आरवीएनएल
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

610K

Threads

0

Posts

1810K

Credits

administrator

Credits
181112