cy520520 • 2025-11-27 00:37:15 • views 634
फाइल फाेटो ।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। शहर में ठंड का प्रकोप लगातार तेज होता जा रहा है। सुबह-शाम कोहरा और कनकनी बढ़ने लगी है, जबकि दिन में हल्के बादल छाए रहने से तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में जमशेदपुर में सुबह घना कोहरा रहने के साथ दिन में आंशिक बादल छा सकते हैं। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री तक उतार-चढ़ाव संभव है, लेकिन रात का तापमान और तेजी से गिर सकता है। मौसम विभाग की मानें तो बुधवार को शहर का न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री और अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, आने वाले समय में कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान जताया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि की चेतावनी दी है।
ठंड में क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा? कम तापमान में शरीर की रक्तवाहिकाएं (वेसेल) सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। सामान्य मौसम की तुलना में ठंड के दिनों में हार्ट अटैक का खतरा डेढ़ से दो गुना तक बढ़ जाता है। शहर के अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर से जनवरी के बीच कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़ते हैं ठंड केवल हृदय रोग ही नहीं, बल्कि ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा देती है। ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है और उसका प्रवाह धीमा पड़ने लगता है। इससे मस्तिष्क की नसों में अवरोध या ब्लॉकेज बनने की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसे मामलों में समय पर उपचार न मिले तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
किन लोगों को अधिक खतरा?
चिकित्सकों के अनुसार ठंड का मौसम 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग, हाई बीपी और डायबिटीज के मरीज, मोटापे से ग्रसित व्यक्ति के लिए अधिक जोखिम भरा है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ व्यक्ति, पहले हार्ट रोग से पीड़ित व्यक्ति और धूम्रपान का सेवन करने वाले लोगों को भी एहतियात बरतने की जरूरत है।
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इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज
यदि किसी व्यक्ति को सीने में दर्द, चक्कर, बोलने में परेशानी, शरीर में सुन्नपन, अचानक कमजोरी, तेज सिरदर्द या शरीर के एक हिस्से में ढीलापन महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। समय पर उपचार मिल जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक दोनों में जीवन बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
ऐसे बरतें सावधानियां?
सुबह घने कोहरे में बाहर निकलने से बचें।
गर्म कपड़े पहनें और सिर, कान, हाथ-पैर को ढककर रखें। बीपी और डायबिटीज मरीज दवाएं नियमित रूप से लें। पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी जरूर पिएं।
अत्यधिक ठंड में भारी व्यायाम करने से बचें। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें। कमरे के अंदर और बाहर के तापमान में अचानक बदलाव से बचें।
कड़ाके की ठंड में हृदय पर दबाव तेजी से बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से हाई बीपी, डायबिटीज या मोटापा है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में कई गुना अधिक होता है। अचानक तापमान गिरने पर शरीर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दे पाता, जिससे ऐसे मरीज अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए ठंड में अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना किसी भी स्थिति में ठीक नहीं। -
डॉ. संतोष गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ
तापमान गिरने पर स्ट्रोक के मामले उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाते हैं। 50 वर्ष से ऊपर के लोग, हाई बीपी के मरीज और मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों में स्ट्रोक का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। ठंड में रक्त चिपचिपा हो जाता है, जिससे ब्रेन को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता। इसलिए थोड़ा भी लक्षण दिखे-जैसे बोलने में दिक्कत, चेहरे का टेढ़ा होना या शरीर का सुन्न पड़ना, तो तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए। -
डा. अरुण कुमार, न्यूरो फिजिशियन |
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