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Mokshada Ekadashi पर न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, पूर्ण फल से रह जाएंगे वंचित

LHC0088 2025-11-26 21:37:39 views 583

  

Mokshada Ekadashi 2025 (Tulsi Image - AI Generated)



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पर व्रत करने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में अगर आप मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2025) के दिन तुलसी से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे प्रभु श्रीहरि की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भूल से भी न करें ये काम

ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन माता तुलसी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में यदि इस दिन पर तुलसी में जल अर्पित किया जाए या तुलसी पत्र उतारे जाएं, तो इससे इनके व्रत में विघ्न उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में इस दिन पर इस कार्यों को करने से बचना चाहिए।

  

(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
रुष्ट हो सकती हैं मां लक्ष्मी

एकादशी या किसी भी अन्य दिन तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का जरूर ध्यान रखें। तुलसी के पास जूते-चप्पल, झाड़ू व कूड़ेदान जैसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। वरना इससे आपको माता लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। जिससे आपको धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
जरूर ध्यान रखें ये बात

एकादशी के दिन तुलसी को छूने की भी मनाही होती है। लेकिन इस दिन पर शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाना काफी शुभ माना गया है। आप 7 या 11 बार तुलसी की परिक्रमा कर तुलसी के मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। ऐसे में यदि आप श्रीहरि की कृपा के पात्र बने रहना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

  
इन कार्यों से मिलेगी श्रीहरि की कृपा

तुलसी, भगवान विष्णु को अति प्रिय मानी गई है। बिना तुलसी के भगवान विष्णु का भोग अधूरा माना जाता है। ऐसे में एकादशी पूजा के दौरान विष्णु जी के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें। आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते उतारकर रख सकते हैं, या फिर गमले में गिरे पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एकादशी के दिन इन बातों का ध्यान रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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