एक फोन कॉल और त्वरित कार्रवाई ने नाबालिक को बाल विवाह से बचाया।
जागरण संवाददाता, उधमपुर। कभी-कभी एक कॉल किसी मासूम की पूरी जिंदगी बदल देती है। 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर आई ऐसी ही एक कॉल ने उधमपुर प्रशासन को तुरंत हरकत में लाकर एक 16 वर्षीय लड़की को बाल विवाह से बचा लिया। यह न केवल एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन रहा बल्कि इसने जिले में बाल अधिकारों और सुरक्षा के प्रति प्रशासन की मजबूत प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण पेश किया।
डीसी उधमपुर सलोनी राय के मार्गदर्शन और जिला बाल संरक्षण अधिकारी कनिका गुप्ता की सीधी निगरानी में 25 नवंबर 2025 को यह संवेदनशील व प्रभावी सफल रेस्क्यू मिशन संचालित किया गया। जानकारी के मुताबिक 24 नवंबर को चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर1098 पर एक फोन कॉल आई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिसमें एक जिला के दूरदराज के बसंतगढ़ क्षेत्र के रसरी गदेरन में नाबालिग लड़की के बाल विवाह कराने के प्रयास की सूचना मिली। इस सूचना के मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन टीम सक्रिय हो गई और त्वरित रूप से कार्रवाई शुरु की। टीम को सत्यापन प्रक्रिया के दौरान उपलब्ध दस्तावेजों से लड़की की आयु 16 वर्ष होने की पुष्टि हुई।
इस पुष्टी के बाद डीसीपीओ को सूचित कर एक संयुक्त रेस्क्यू टीम तैयार की गई। जिसमें चाइल्ड हेल्पलाइन के कोआर्डिनेटर, काउंसलर व केस वर्कर, प्रोटेक्शन ऑफिसर एनआईसी पूनम, डीसीपीयू के सामाजिक कार्यकर्ता गौरव, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और थाना बसंतगढ़ से पुलिस टीम शामिल की गई।
गठित की गई संयुक्त टीम ने बसंतगढ़ तहसील के रसली गदेरन क्षेत्र से नाबालिग लड़की को सुरक्षित रेस्क्यू कर उसी दिन उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति द्वारा बच्ची को अस्थायी संरक्षण के लिए वन स्टाप सेंटर में रखने के निर्देश दिए गए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि हर बच्चा सुरक्षित, सशक्त व सम्मानजनक बचपन का हकदार है। यह सफल बचाव अभियान उधमपुर जिला प्रशासन का बाल विवाह के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाता है। |