154 साल पुराना है लियोपोल्ड कैफे का इतिहास
नई दिल्ली। आज 26 नवंबर है। आज से 17 साल पहले आतंकियों ने मुंबई में कई जगहों पर हमला (26/11 Mumbai Attack) किया था। जिन जगहों को उन हमलों में निशाना बनाया गया था, उनमें से एक है लियोपोल्ड कैफे (Leopold Cafe)। आज हम आप इस कैफे के मालिक और इतिहास के बारे में बताएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस राजा के नाम से है कनेक्शन
लियोपोल्ड कैफे एंड बार मुंबई के कोलाबा में कोलाबा कॉजवे पर एक रेस्टोरेंट और बार है, जो कोलाबा पुलिस स्टेशन के सामने स्थित है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। लियोपोल्ड कैफे की शुरुआत 154 साल पहले सन 1871 में ईरानियों (यह शब्द “पारसियों“ के लिए मुंबई में रहने वाले जोरोस्ट्रियन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है, जो 19वीं सदी में भारत आए थे) ने की थी और इसका नाम बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड के नाम पर रखा गया था।
क्या है पुराना नाम
लियोपोल्ड कैफे को सबसे पहले एक होलसेल एडिबल ऑयल की दुकान के रूप में शुरू किया गया था और फिर इसे एक रेस्तरां, स्टोर और फार्मेसी में तब्दील कर दिया गया। तब इसका नाम “लियोपोल्ड कैफे एंड स्टोर्स“ था। आज यह कैफे उन कुछ ईरानी कैफे में से एक है जो अभी भी अच्छा बिजनेस कर रहे हैं, जबकि कई अन्य बंद होते जा रहे हैं।
कौन है कैफे का मालिक
लियोपोल्ड कैफे के को-ओनर फरजाद जेहानी और उनके भाई फरहांग जेहानी हैं। उनके पिता, शेरियार फ्रामरोज जेहानी, कई ईरानी रेस्टोरेंट में पार्टनर थे, और आखिर में उन्होंने लियोपोल्ड कैफे में भी पार्टनरशिप कर ली। अब जेहानी परिवार कई पीढ़ियों से इस कैफे को संभाल रहा है।
और क्यों फेमस है लियोपोल्ड कैफे
लियोपोल्ड कैफे एंड बार खाने-पीने की एक मशहूर जगह है जो अपने आरामदायक माहौल और अलग-अलग तरह के मेन्यू के लिए फेमस है। इसके मेन्यू में हल्के नाश्ते से लेकर पूरे खाने तक, कई तरह की डिशेज शामिल हैं। इन आइटम्स के दम पर ये कैफे अच्छा बिजनेस करता है।
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