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गाजियाबाद: कफ सीरप तस्करी मामले के दो आरोपितों को HC से राहत, तीन आरोपित विदेश में

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सांकेतिक तस्वीर



विनीत कुमार, गाजियाबाद। बांग्लादेश तक फैली कफ सीरप तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद एसआइटी आरोपितों की तलाश में जुटी है वहीं दो आरोपितों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया। तीन आरोपित विदेश में हैं। इनमें से ही एक आरोपित को भी गिरफ्तारी पर स्टे मिलने की जानकारी सामने आ रही है। हालात यह है कि पुलिस इस मामले में कई दिन बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सूत्रों के अनुसार तस्करी गिरोह के तीन प्रमुख सदस्य मेरठ निवासी आसिफ दुबई में था जबकि वसीम दुबई भाग चुका है। वहीं वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल के कनाडा भागने की भी जानकारी सामने आ रही है। तीनों आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और तस्करी नेटवर्क में इनकी भूमिका अहम बताई जा रही है।

उनके फरार होने से यह स्पष्ट है कि गिरोह की जड़ें देश की सीमाओं से कहीं आगे तक फैली हैं। अधिवक्ता अनीस चौधरी के अनुसार मेरठ निवासी आसिफ और अभिषेक शर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को अगली तारीख या जब तक चार्जशीट दाखिल न हो जाए तब तक गिरफ्तारी न करने का आदेश दिया है।

इस दौरान आरोपित को पुलिस को जांच में सहयोग करने का भी आदेश है। कफ सीरप तस्करी का यह नेटवर्क सिर्फ दवाओं की अवैध बिक्री तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें सक्रिय गिरोह बड़ी स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला चलाता था जिसके तार कई राज्यों और विदेशों तक जुड़े हुए हैं।

एसआईटी अब इस बात पर भी फोकस कर रही है कि आखिर गिरोह को दवा कंपनियों और ट्रांसपोर्ट चैनल से किस प्रकार सहयोग मिलता था और किन-किन जगहों पर स्टाक छिपाया जा रहा था। एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह का कहना है कि जांच किसी भी दशा में नहीं रुकेगी और फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें जुटी हुई हैँ।
मेरठ रोड पर छापा मारकर पकड़ा था माल

तीन नवंबर को पुलिस ने मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम पर छापा मारकर चार ट्रकों में भरी भारी मात्रा में कफ सीरप बरामद की थी। बरामद माल की कीमत करीब साढे तीन करोड़ रुपये आंकी गई थी। पुलिस ने मौके से आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जबकि कुल 17 नामजद किए गए थे। जांच की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था, जिससे तेजी से नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके।
इंस्पेटर की गिरफ्तारी से जांच प्रभावित

एसआइटी की जांच उस समय सवालों के घेरे में आ गई जब टीम की कमान संभाल रहे इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिद्धु को रिश्वत मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रांसपोर्टर संतोष भड़ाना के करीबी राहुल शर्मा द्वारा दी गई 3.87 लाख रुपये की कथित रिश्वत उनकी कार से बरामद होने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। मामले में राहुल शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने इन लोगों को किया था गिरफ्तार

तीन नवंबर को पुलिस ने मकनपुर निवासी सौरव त्यागी, कैला भट्ठा निवासी शादाब, कनावनी निवासी शिवाकांत उर्फ शिव, भट्ठा नंबर पांच निवासी संतोष भड़ाना, मेरठ के दौराला निवासी अंबुज कुमार, सुल्तानपुर के गांव शेषपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी दीपू यादव और सुशील यादव को गिरफ्तार किया।

नंदग्राम थाने में चार नवंबर को सौरव त्यागी और उसे माल देने वाले वान्या एंटरप्राइजेज के मालिक विशाल उपाध्याय समेत धर्मेंद्र कुमार सिंह, दीपू यादव, सुशील यादव, अंबुज कुमार, शिवाकांत उर्फ शिव, शादाब, संतोष भड़ाना, पप्पन यादव, मेरठ के किठौर थानाक्षेत्र के गांव राधना निवासी आसिफ, सरधना के गांव नानू निवासी वसीम उर्फ नानू, अभिषेक शर्मा, वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल, सुमित राणा, कमल मौर्य और सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। क्राइम ब्रांच की एसआइटी इस मामले की जांच कर रही है।
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