भविष्य के युद्ध के स्वरूप पर सैन्य अधिकारियों ने किया विचार मंथन। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्मी वार कालेज में सोमवार को भविष्य के युद्ध के स्वरूप पर सेना अधिकारियों ने रणनीतिक विमर्श किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह साही ने कहा कि 2035 तक युद्ध का मैदान 1999 के युद्ध जैसा नहीं होगा बल्कि पूरी तरह से तकनीक आधारित हो जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भविष्य की लड़ाइयां साइबर, स्पेस, आर्बिटल कांस्टेलेशन, ड्रोन स्वार्म और अत्याधुनिक तकनीक से आकार लेंगी।उन्होंने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के तेजी से हो रहे आधुनिकीकरण, \“इंटेलिजेंट वारफेयर\“ आधारित उसके नए सैन्य सिद्धांतों और उभरती हाईटेक क्षमताओं का जिक्र किया।
पाकिस्तान का जिक्र कर कही ये बात
पाकिस्तान के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब भी प्राक्सी, हाइब्रिड वारफेयर और टैक्टिकल न्यूक्लियर पोस्चरिंग के जरिये भारत को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने उरी से पुलवामा और हालिया पहलगाम तक पाकिस्तान की गतिविधि को उजागर करते हुए \“आपरेशन सिंदूर\“ को भारत की तेज, सटीक और रणनीतिक जवाबदेही का उदाहरण बताया।
लेफ्टिनेंट जनरल साही ने कहा कि भारतीय सेना के भविष्य के नेता नवाचार के साथ, स्पष्ट ²ष्टि और ²ढ़ता के बल पर 2035 और उससे आगे भी देश की सामरिक शक्ति का प्रमुख आधार बने रहेंगे। |