बैठक में बोलते प्रशांत किशोर। सौ-पार्टी
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (JSP) ने रविवार को विधानसभा प्रत्याशियों के साथ चुनाव परिणामों की समीक्षा की।
पराजित हो चुके प्रत्याशियों ने एक सुर में कहा कि महिलाओं को दिए गए 10 हजार रुपये के साथ जंगलराज की वापसी की आशंका ने उनका बेड़ा गर्क किया।
पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की उपस्थिति में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने की। बैठक में यह आरोप लगा कि जीविका दीदियों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के कार्यकर्ता के रूप में काम किया।
आचार संहिता के बावजूद दिए पैसे
10 हजार को सीड मनी बताया गया और महिलाओं को आश्वस्त किया गया कि यह रकम वापस नहीं करनी है, जबकि चुनाव जीतने के बाद दो लाख रुपये और मिलेंगे।
यह सब कुछ आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद हुआ, जो कि चुनावी कदाचार हैं। जीविका दीदियां मतदान केंद्रों में डटी रहीं और महिलाओं को एनडीए प्रत्याशी का सीरियल नंबर देती गईं।
जंगल राज की वापसी का दिखाया भय
कई ने तो वृद्ध और लाचार महिलाओं के बदले स्वयं ही ईवीएम का बटन दबा दिया। अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों से प्रभावित होकर जसुपा को वोट देने का मन बनाए मतदाता भी जंगलराज की पुनर्वापसी की आशंका में एनडीए के पाले में चले गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कानाफूसी और गोल-गोल बातें कर लोगों को जंगल राज का भय दिखाया गया। लोगों को भयभीत करने की यह चाल कारगर साबित हुई।
इस वजह से जन सुराज के पक्ष में गोलबंद हुआ वोटों का साम्राज्य अचानक धराशायी हो गया। बैठक में आरके मिश्रा, अरविंद सिंह, एके द्विवेदी, जेपीएन सिंह, जीतेंद्र मिश्रा, केसी सिन्हा, किशोर कुमार मुन्ना, रामबलि चंद्रवंशी, सैयद मसीह उद्दीन के साथ राष्ट्रीय परिषद के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी का खाता भी नहीं खुला। मुख्य लड़ाई तक में उसके उम्मीदवार नहीं देखे गए। |