राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव को संबोधित किया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उत्सव में उनका स्वागत किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरसंघचालक ने प्रखर शब्दों में कहा कि दुनिया आज जिस तरह से डगमगा रही है, जिस प्रकार मूल्य, नीति और मानवता लड़खड़ा रही है, वैसा ही दृश्य महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन के सामने था। अर्जुन भी भ्रम, शोक और मोह से विह्वल होकर युद्ध छोड़ने की स्थिति में पहुंच गया था, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के गीता–ज्ञान ने अर्जुन के भीतर धर्म, साहस और कर्तव्य की प्रचंड ज्योति प्रज्वलित कर दी।
भागवत ने कहा कि जीवन के अत्यंत विपत्ति-क्षणों में भी गीता वह दिव्य शास्त्र है, जो मनुष्य को अंधकार से बाहर खींचकर दृढ़ता, समाधान और निर्भयता प्रदान करती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “गीता केवल पढ़ने की वस्तु नहीं, बल्कि जीने की प्रक्रिया है;
जो गीता को अपनाएगा, वही संकट से उबरेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज जब पूरी दुनिया अव्यवस्था, संघर्ष और नैतिक भ्रम से गुजर रही है, ऐसे समय में गीता ही वह शाश्वत मार्गदर्शक है जो मानवता को संतुलन और धर्म के पथ पर पुनः स्थापित कर सकती है। भागवत ने अंत में कहा कि गीता जीवन का विज्ञान भी है और मृत्यु का भी समाधान, इसलिए मनुष्य चाहे जिए या मरे—गीता ही उसके अस्तित्व का आधार होनी चाहिए।
दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव का मकसद भगवद् गीता के यूनिवर्सल और जीवन को बेहतर बनाने वाले संदेशों को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु, विद्वान और गणमान्य लोग शामिल हुए और इसका आयोजन \“श्रीकृष्ण कृपा जियो गीता परिवार, उत्तर प्रदेश\“ कर रहा है। प्रेरणा स्रोत पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज हैं।
मोहन भागवत ने लखनऊ दौरे पर आध्यात्मिक और संगठनात्मक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और शाम को अयोध्या के लिए रवाना हो गए। 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के मौके पर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। मोहन भागवत अयोध्या में साधुओं, संतों, बुद्धिजीवियों और संघ के पदाधिकारियों से भी मिलेंगे। |