संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़। टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में पिथौरागढ़ नगर क्षेत्र में बाइपास की कवायद शुरू हो चुकी है। एनएच बाइपास निर्माण को लेकर आयोजित जनसुनवाई में कोई बड़ी आपत्ति सामने नहीं आई। जनसुनवाई पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित बाइपास के एलाइमेंट में आंशिक परिवर्तन की मांग उठाई। इससे पिथौरागढ़ में एनएच बाइपास का रास्ता साफ हो चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिथौरागढ़ में ऐंचोली से घुनसेरा गांव तक लगभग 11.55 किमी लंबी दूरी का एनएच बाइपास प्रस्तावित है। इसमें चार स्थानों पर टनल भी बनाई जानी है। यह टनल ऐंचोली से टकाड़ी तक करीब 909 मीटर, चंडाक-पुनेड़ी तक दो टनल बनेगी। पहली टनल की लंबाई करीब 949 मीटर और दूसरी टनल की लंबाई 695 मीटर होगी। जबकि चौथी टनल तड़ीगांव से घुनसेरा के लिए करीब 448 मीटर लंबी होगी। एनएच बाइपास की जद में ऐंचोली से घुनसेरा गांव तक कई गांवों की नाप भूमि व कुछ भवन भी आ रहे हैं।
जनसुनवाई कार्यक्रम का किया आयोजित
इसे लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय में अपर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों के जनप्रतिनिधि व नगर क्षेत्र के पार्षद मौजूद रहे। एनएच के अधिकारियों के मुताबिक जनसुनवाई कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने बाइपास के समरेखण को लेकर सहमति जताई है।
घुनसेरा के जनप्रतिनिधियों ने प्रस्तावित समरेखण में आंशिक परिवर्तन की मांग की। जिस पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने सभी पहलुओं को देखते हुए विचार करने की बात कही। एनएच बाइपास बन जाने से पिथौरागढ़ में आलवेदर सड़क में टनकपुर, धारचूला, मुनस्यारी, थल, डीडीहाट की तरफ आवाजाही करने वाले लोगों को खासी राहत मिलेगी।
गांवों में विकास कार्यों को मिलेगी गति
वहीं, बाइपास क्षेत्र में आने वाले आसपास के गांवों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और उन्हें रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे। जनसुनवाई कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी सदर मनजीत सिंह, एनएच लोहाघाट के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार जोशी, सहायक अभियंता यशपाल आर्य, तहसीलदार सदर विजय गोस्वामी, अपर सहायक अभियंता नीलम काला, कंसलटेंट टीम के सलमान, संबंधित जिला पंचायत सदस्य, पार्षद, ग्राम प्रधान आदि मौजूद रहे।
जनसुनवाई में एनएच बाइपास को लेकर सहमति बनी है। किसी भी तरह की कोई आपत्ति सामने नहीं आई है। आबादी वाले क्षेत्रों में सड़क की चौड़ाई कम करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि ग्रामीणों की निजी भूमि व आवासीय भवन ज्यादा प्रभावित न हों। अगले चरण में डीपीआर गठन और भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। - योगेंद्र सिंह, अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़। |