महाअष्टमी आज, मां महागौरी को चढ़ेगा आस्था का डलिया
संवाद सहयोगी, भागलपुर। शारदीय नवरात्र के सप्तमी पर सोमवार को शहर भक्तिरस में सराबोर रहा। आदमपुर से लेकर अलीगंज और मोहद्दीनगर से मारवाड़ी पाठशाला तक हर दुर्गा मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना के बाद अब मंगलवार को महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा, अष्टमी व्रत और डलिया चढ़ाने की परंपरा निभाई जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भोर से लेकर दोपहर 1:54 बजे तक भक्तजन मां को अपनी श्रद्धा का डलिया अर्पित करेंगे। शंख-घंटे की गूंज और दुर्गासप्तशती के पाठ से पूरा शहर मातामई वातावरण में डूबा रहा। मंदिरों के पट खुलते ही भक्तों ने मां के दर्शन किए। रात्रि में विधिवत निशा पूजा एवं बलि विधान हुआ, जो रात 12 से 12:30 बजे तक चला।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?
ज्योतिषाचार्य पंडित सचितन कुमार दुबे ने बताया कि मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी अत्यंत सौम्य, सरल और सुलभ मानी गई हैं। उनकी आराधना से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं और मनचाही कामना भी पूर्ण होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां ने कठोर तपस्या की थी, तभी उन्हें यह गौर वर्ण प्राप्त हुआ।
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कालीबाड़ी में लगेगा 25 सौ से अधिक हांडी भोग
कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी में भोग प्रसाद की भव्य परंपरा जारी है। कालीबाड़ी के महासचिव बिलास कुमार बागची के अनुसार तीन दिनों में 25 सौ से अधिक हांडी भोग लगाया जाएगा। पूरे शहर में नवरात्र केवल पर्व नहीं, बल्कि श्रद्धा और संस्कृति के संगम का उत्सव बन चुका है। आज महाअष्टमी पर हर भक्त अपने हाथों में डलिया नहीं, बल्कि अपनी मनोकामनाएं लिए मां के दरबार में पहुंचेंगे।
नवमी को पूजा पंडालों में गूंजेंगे ढोल-डाक व नगाड़े
नवमी पूजा पर शहर के विभिन्न दुर्गा स्थानों में कन्या पूजन की तैयारी जोरों पर है। कहीं 11 तो कहीं 101 कन्याओं की पूजा होगी। इस बार कन्याओं के लिए गिफ्ट पैक, ड्रेस और चाकलेट का चलन तेजी से बढ़ा है। मिठाइयों के गिफ्ट पैक भी बाजारों में उतारे गये हैं। गुरु छितनु सिंह अखाड़ा के अध्यक्ष ब्रह्मदेव साह ने बताया कि यहां परंपरागत रूप से 101 कन्याओं की पूजा की जाएगी।
इससे पूर्व खलीफाबाग चौक से लेकर मंदिर परिसर तक ढोल-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान बच्चियों में मां दुर्गा का स्वरूप नजर आएगा। मंदिर पहुंचने पर कन्याओं का स्वागत शृंगार सामग्री से किया जाएगा। तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि यहां नौ कन्याओं की पूजा होगी। कन्याओं को नए कपड़े पहनाए जाएंगे और भोजन के बाद शृंगार सामग्रियां दी जाएंगी।
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