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कनाडा में रह रहे दंपती की मुश्किल आसान, दिल्ली HC ने कहा- वर्चुअल क्लैरिफिकेशन पर्याप्त

Chikheang 2025-11-21 05:35:42 views 183

  



जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दंपती को कनाडा से वर्चुअली पेश होने और डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड के सामने सरोगेसी से जुड़ी कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत दी है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि बोर्ड को मुख्य रूप से संबंधित मेडिकल रिकार्ड की जांच करनी है, इसलिए उसे इस स्टेज पर दंपती की फिजिकल मौजूदगी पर जोर नहीं देना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अदालत ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड इस मामले में प्रैक्टिकल नजरिया न अपनाए। कोर्ट ने कहा कि यह काम काफी हद तक संबंधित मेडिकल रिकार्ड को देखने पर निर्भर करता है, और अगर दंपती से कोई क्लैरिफिकेशन चाहिए, तो वर्चुअल बातचीत ही काफी होगी।

अदालत ने बोर्ड के मार्च के आर्डर को रद करते हुए कहा कि इस बात का भी कोई कारण नहीं है कि डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड वर्चुअल सुनवाई करने के लिए खुद को तैयार क्यों न करे, जैसा कि सरोगेसी रेगुलेशन-2023 के सेक्शन पांच(तीन) और पांच(चार) के तहत स्टेट बोर्ड के लिए ज़रूरी है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि पिटीशनर्स का आथराइज्ड रिप्रेजेटेटिव पूरे मेडिकल रिकार्ड के साथ बोर्ड के सामने फिजिकली पेश होगा। दंपती की शादी 2015 में हुई थी और उनका कोई बच्चा नहीं है। वे 2022 से कनाडा में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता दंपति ने दिल्ली साउथ डिस्ट्रिक्ट के मेडिकल बोर्ड के सामने एक आवेदन देकर जेस्टेशनल सरोगेसी के लिए मेडिकल इंडिकेशन का सर्टिफिकेट मांगा था। वर्चुअल सुनवाई के जरिए बोर्ड की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत भी मांगी थी।

उन्होंने विदेश में रहने और नौकरी करने की वजह से फिजिकली पेश होने की समस्या बताई थी। यह भी कहा था कि अर्जेंट छुट्टी की मंज़ूरी लेने में लाजिस्टिक दिक्कतों और कम समय में इंटरनेशनल ट्रैवल के ज्यादा खर्च होगा।

हालांकि, बोर्ड ने उन्हें पेश होने का निर्देश देते हुए एक नोटिस जारी किया। फिजिकली, वर्चुअल पार्टिसिपेशन की इजाजत नहीं दी। उक्त नोटिस को दंपती ने हाई कोर्ट में चैलेंज किया।

वहीं, बोर्ड के अधिवक्ता ने इस अपील का विरोध करते हुए किसी भी तरह के प्रताड़ना की संभावना को खत्म करने के लिए फिजिकल इंटरेक्शन की जरूरी है।

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