जागरण संवाददाता, उन्नाव। जिले में पुरवा को छोड़ शेष पांच तहसीलों में 444 मदरसों में 43 बिना पंजीकरण के संचालित हैं। यह दावा करीब डेढ़ साल पहले अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने शासन के आदेश पर कराई गई जांच के बाद किया था। संबंधित ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने इन मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए थे, हालांकि संचालकों पर आदेश का कोई असर नहीं पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्री प्रकाश पांडेय ने बताया कि बिना पंजीकरण के संचालित मदरसों के संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। दिल्ली में विस्फोट की घटना के बाद अब एटीएस इन मदरसों की कुंडली खंगालेगी। एटीएस की ओर से जिले में संचालित सभी मदरसों की सूची, संचालक व प्रबंधक के नाम पते व मोबाइल नंबर समेत मांगी गई है। अवैध रूप से संचालित मदरसा संचालकों की धड़कनें तेज हुई है।
शासन के निर्देश पर डेढ़ साल पहले मदरसों के सर्वे का काम का कार्य शुरू कराया गया था। जिसके बाद जनपद से भी टीम लगाई गई थी। तहसीलवार किये गये सर्वे में बिना पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित मिले मदरसों की रिपोर्ट भेजे जाने की जानकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से दी गई थी। माना जा रहा था कि अवैध मिले मदरसों की समस्त गतिविधि जांचने के बाद शासन की कार्रवाई भी होगी। हालांकि अभी तक जिले में ऐसा देखने को नहीं मिला है। इस सर्वे में तहसील के साथ ब्लाक स्तरीय अधिकारी भी जिम्मेदार बनाये गये थे।
मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों की माने तो सर्वे में पुरवा को छोड़कर अन्य पांच तहसील क्षेत्रों में 43 मदरसे बिना पंजीकरण के चलते मिले थे। यानी यह पूरी तरह से अवैध हैं। सभी को तत्काल बंद कर देने के निर्देश संचालकों को दिये गये थे। इसके बाद भी संचालन बंद नहीं हुआ। प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी श्री प्रकाश पांडेय ने बताया कि अभी तक एटीएस का पत्र उन्हें नहीं मिला है। जैसे ही पत्र मिलता है। सूची एटीएस को भेजी जाएगी।
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