बांग्लादेश ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की। फोटो- x Bangladesh High Commission
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंदी महासागर में स्थित अपने पड़ोसी देशों के साथ साझा सुरक्षा रणनीति विकसित करने के उद्देश्य से भारत की अगुवाई में गठित कोलंबो सिक्योरिटी कान्क्लेव (सीएससी) की सातवीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक हाल ही में सकारात्मक रूप से संपन्न हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बैठक की सफलता को इस तथ्य से आंका जा सकता है कि हाल के दिनों में भारत के साथ कई मुद्दों पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने के बावजूद बांग्लादेश सरकार ने अपने एनएसए डा. खलील-उर-रहमान को इसमें हिस्सा लेने के लिए भेजा।
बांग्लादेश ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की
बांग्लादेश के एनएसए ने न सिर्फ सीएससी के सभी सिद्धांतों को अपनाने की बात कही बल्कि आतंकवाद की कड़ी निंदा की। उन्होंने दिल्ली में हुए बम विस्फोट पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेश इस समय भारत के भाइयों और बहनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।इस बैठक की अध्यक्षता भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने की।
इसमें मालदीव, मारीशस, श्रीलंका और बांग्लादेश के एनएसए ने भाग लिया। सेशेल्स ने पर्यवेक्षक देश के रूप में और मलेशिया ने पहली बार अतिथि देश के रूप में बैठक में शिरकत की। सेशेल्स को पूर्ण सदस्य के रूप में सीएससी में शामिल किया गया, जो इस बैठक का एक महत्वपूर्ण निर्णय था।
सदस्य देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपायों, साइबर सुरक्षा और आपदा राहत जैसे पांच प्रमुख स्तंभों पर सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की।
सेशेल्स बना कोलंबो सिक्योरिटी का सदस्य
भारत द्वारा नियुक्त पहले महासचिव ने दिसंबर 2023 में मारीशस में हुई छठी बैठक के बाद से अब तक की प्रगति की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की। बैठक में सदस्य देशों के बीच प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और अन्य सहयोगात्मक गतिविधियों को बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
उद्घाटन सत्र में अजीत डोभाल ने वैश्विक सुरक्षा परिवेश को चुनौतीपूर्ण बताते हुए हिंद महासागर की सुरक्षा, स्थिरता और संरक्षा सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा-\“ ¨हद महासागर हमारी सबसे बड़ी धरोहर है। यह हमारी अर्थव्यवस्थाओं का इंजन है।\“
कोलंबो सिक्योरिटी कान्क्लेव की स्थापना के दस्तावेजों पर अगस्त 2024 में श्रीलंका में हस्ताक्षर किए गए थे। आज की बैठक ने एक बार फिर ¨हद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और सहयोग के प्रति सदस्य देशों की मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। |