राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में चल रही धान और अन्य फसलों की सरकारी खरीद में क्रय केंद्रों के कम योगदान पर खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने नाराजगी जताई है। मंत्री ने निर्देश दिए है कि धान खरीद में अनियमितता व लापरवाही करने वाले केंद्र प्रभारियों और पर्यवेक्षणीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्रय एजेंसी उप्र सहकारी संघ (पीसीएफ), उप्र सहकारी संघ (पीसीयू) और उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) की खरीद अपेक्षा से कम है। एजेंसियों के खरीद केंद्रों पर प्रतिदिन से कम से कम 200 क्विंटल की खरीद सुनिश्चित कराएं। सोसाइटी के केंद्र प्रभारियों की उपस्थिति की भी दैनिक रूप से समीक्षा की जाए।
बुधवार को आयोजित विभागीय बैठक में मंत्री ने कहा कि सभी मंडल एवं जिला स्तरीय अधिकारी रोजाना क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें। वर्तमान में हो रही खरीद की मात्रा को बढ़वाते हुए लगभग दोगुणा खरीद कराएं, जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके। आवश्यकता होने पर टोकन की व्यवस्था कराएं। मंडियों में स्थापित क्रय केंद्र मंडी गेट के नजदीक ही रहें।
बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के 18 नवंबर तक प्रदेश में कुल 4171 क्रय केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, इनमें से 3360 पर धान खरीद शुरू हो चुकी है। अब तक 67,024 किसानों से 3.95 लाख टन धान खरीद हुई है। इसमें पश्चिमी उप्र में 3.09 लाख टन व पूर्वी उत्तर प्रदेश में 0.86 लाख टन की खरीद शामिल है।
पिछले वर्ष इसी अवधि में 4.33 लाख टन धान की खरीद हुई थी। खरीद के सापेक्ष अब तक 852 करोड़ का भुगतान किसानों को उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। 79,112 टन धान राइस मिलों को प्रेषित किया गया है और 78,967 टन कस्टम चावल केंद्रीय पूल में सम्प्रदान किया गया है।
वहीं, मोटे अनाजों में अब तक 13,672 किसानों से 64,435 टन बाजरा, 1391 किसानों से 4978 टन ज्वार, 806 किसानों से 3371 टन मक्का की खरीद हुई है। बाजरा खरीद के सापेक्ष 168.39 करोड़ रुपये, ज्वार खरीद के सापेक्ष 16.68 करोड़ रुपये और मक्का क्रय के सापेक्ष 7.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
मंत्री ने निर्देश दिए कि क्रय योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। किसानों को प्रेरित कर अधिक से अधिक संख्या में ई-उपार्जन पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण कराएं। पंजीकरण के आनलाइन एवं आफलाइन सत्यापन में कोई असुविधा न हो। यदि कई भाईयों के नाम भूमि हो और कोई भाई बाहर रहते हों तो नामिनी की व्यवस्था कर सत्यापन व खरीद कराई जाए। बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद रणवीर प्रसाद, आयुक्त अनामिका सिंह उपस्थित रहे। |