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दिल्ली में विस्फोट की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, मारक क्षमता बढ़ाने के लिए पहली बार इस्तेमाल किया TATP

deltin33 2025-11-20 02:07:39 views 659

  

फाइल फोटो



विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला के बाहर हुए विस्फोट को और घातक बनाने के लिए पहली बार ट्राइएसीटोन ट्राइपेरोक्साइड (टीएटीपी) का इस्तेमाल किया गया था। यह तथ्य मामले की फोरेंसिक जांच में समाने आया है। फोरेंसिक सूत्रों के अनुसार आत्मघाती हमला करने वाले आतंकी मोहम्मद उमर ने धमाके का प्रभाव बढ़ाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट के साथ टीएटीपी का इस्तेमाल किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बता दें कि टीएटीपी का इस्तेमाल मुख्य रूप से माइनिंग के लिए किया जाता है। फोरेंसिक सूत्रों के अनुसार विस्फोट की तीव्रता व प्रभाव को देखते हुए इसमें विस्फोटकाें की मात्रा दो से तीन किलोग्राम थी। इसमें टीएटीपी की मात्रा कम और अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा अधिक थी।

लाल किले के बाहर हुए विस्फोट के बाद वारदात के लिए आतंकी उमर द्वारा इस्तेमाल की गई आइ-20 कार से लेकर विस्फोट की चपेट में आए विभिन्न वाहनों से 40 नमूने उठाए गए थे। इस पूरे मामले की जांच रोहिणी स्थित दिल्ली फोरेंसिक लैब कर रही है। साथ में केंद्रीय फोरेंसिक टीमें भी जांच में सहयोग कर रही हैं।

विभिन्न फोरेंसिक एजेंसी के जांच में शामिल होने के कारण मामले की जांच रिपोर्ट तैयार होने में अभी और वक्त लग सकता है। अभी तक फोरेंसिक की जांच रिपोर्ट फाइनल नहीं हाे सकी है। उम्मीद है आने वाले दिनों में फोरेंसिक टीम अपनी जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप देगी।

फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार टीएटीपी एक अत्यधिक अस्थिर विस्फोटक है, जोकि हल्के घर्षण, दबाव, या तापमान बढ़ने से भी सक्रिय हो सकता है। यह आतंकवादियों के लिए एक खतरनाक विकल्प है, क्योंकि यह बिना किसी अतिरिक्त ट्रिगरिंग उपकरण के भी विस्फोट कर सकता है। टीएटीपी अपनी शक्तिशाली शाकवेव्स के लिए जाना जाता है। आसानी से इसका पता न लगने के कारण ही अक्सर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कई आतंकी हमलों में हो चुका है इस्तेमाल

इसे दुनिया भर में हुए कई आतंकवादी हमलों से जोड़ा गया है। 2017 का मैनचेस्टर बम विस्फोट और 2016 का ब्रुसेल्स बम विस्फोट इसका इस्तेमाल किया जा चुका है। हालांकि, दिल्ली में बम विस्फोट करने के लिए टीएटीपी का इस्तेमाल पहली बार हुआ है।
हाई कोर्ट ब्लास्ट में पीईटीएन का हुआ था उपयोग

इससे पहले सात सितंबर 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट के पास हुए बम विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट और पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था। इसकी पुष्टि गृह मंत्रालय के तत्कालीन विशेष सचिव ने की थी। पीईटीएन का अर्थ है पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट, जो एक उच्च विस्फोटक यौगिक है। इसका उपयोग अक्सर सैन्य विस्फोटकों, डेटोनेटरों और प्लास्टिक विस्फोटक के रूप में किया जाता है।

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