deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

बारिश में 300 टन धान भीगने से लौटीं 200 ट्रैक्टर-ट्रॉली, उचित दाम न मिलने पर नाराज हुए हाथरस के किसान_deltin51

cy520520 2025-10-1 20:06:31 views 468

  बारिश में भीगा 300 टन धान, लौटीं 200 ट्रेक्टर-ट्राली धान मंडी से लौटा





जागरण संवाददाता, हाथरस। बिजली कड़कने के साथ हुई तेज बारिश ने उन किसानों की टेंशन बढ़ा दी है जिनका धान मंडी में है या फिर ट्रैक्टर-ट्राली में लेकर मंडी बेचने पहुंचे थे। बारिश और उचित दाम न मिलने पर किसानों के 200 ट्रैक्टर-ट्राली लेकर वापस चले गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लाखों रुपये का राजस्व देने वाली मंडी में धान को बारिश से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। टूटे हुए टीन शेड और खुले में खड़े ट्रैक्टर-ट्रालियों में करीब रखा एक हजार मीट्रिक टन से अधिक धान भीग गया। इससे नाराज किसानों का गुस्सा फूट गया और वह मंडी आफिस पहुंच गए और जमकर नोकझोंक हुई।



किसानों का आरोप है कि मनमानी कर रहे आढ़तियों पर कार्रवाई करने के नाम पर मंडी प्रशासन हाथ खड़े कर रहा है। संभावना जताई जा रही है कि एक अक्टूबर से सरकारी खरीद होने पर किसानों को राहत मिल सकती है।


अलीगढ़ रोड मंडी समिति में नहीं है धान को बारिश से बचाने की पर्याप्त व्यवस्था

बता दें कि कई दिनों धान से मंडी परिसर अटा पड़ा है। प्रतिदिन 200 से 300 ट्रैक्टर-ट्राली के साथ लोडरों में भरकर धान आ रहा है। मंगलवार को सुबह अचानक बारिश आ गई। किसानों का धान खुले में पड़ा हुआ था। वहीं ट्रैक्टर-ट्राली भी खड़े हुए थे। मंडी के टीनशेड जगह-जगह से टूटे हुए हैं। सुबह हुई तेज बारिश से किसानों का धान भीग गया। किसानों को धान को बचाने के लिए कोई जगह नहीं मिली। सुबह छह बजे तक हुई तेज बारिश के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है।



muzaffarpur-general,Muzaffarpur News,voter list sex ratio,Muzaffarpur voter list,voter list updates,district election officer,assembly election news,Bihar news   
मनमाने रेट वसूल रहे हैं धान की खरीददार, मनमानी पर किसानों का फूटा गुस्सा

धान बेचने को किसान आढ़तियों के पास आए तो उनको उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। इस कारण किसानों में नाराजगी है। हालात इस कदर खराब हैं कि मंडी में जगह नहीं होने से सड़कों पर धान की तोलाई सड़कों पर ही रही है। वाहनों तक के लिए खड़ा करने की जगह नहीं है। इससे सड़कों पर वाहन खड़े कर दिए जाने से जाम लग रहा है। इससे आने जाने वाले किसान, व्यापारियों को दिक्कत झेलनी पड़ रही हैं। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होने से यह परेशानी मंडी में हो रही हैं।




मंडी का स्टाफ से किसानों की नोकझोंक, कार्रवाई के नाम पर खींच रहे हैं हाथ

सुबह से ही किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में धान लादकर मंडी पहुंच रहे हैं। मंडी में दुकानों के सामने जगह तक नहीं है। इसके चलते किसानों के धान को सड़क सहारे ही एकत्रित कराकर उसकी नीलामी व्यापारियों से कराई जा रही है। आढ़ती बताते हैं कि प्रतिदिन 5000 मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक प्रतिदिन हो रही है। यह धान जिले के अलावा खंदौली, जलेसर, इगलास, राया क्षेत्रों से भी पहुंच रहा है। धान की खरीद दिल्ली, हरियाणा व पंजाब के व्यापारियों के प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है। आढ़तियों के माध्यम से किसान अपना धान व्यापारियों को बेच रहे हैं। मगर उचित मूल्य न मिलने पर किसानों में नाराजगी है।



मंडी में सबसे अधिक धान 1509 व 1692 प्रजाति का आ रहा है। किसानों ने बताया कि उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इस समय खेत से आने के बाद धान गीला होता है। इसीलिए कीमत बहुत कम दी जा रही है। दोनों प्रजातियों के धान की कीमत मंडी में 2400 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक है। अधिकांश धान 2400-2500 में बिक रहा है। यह कीमत 3000 रुपये होनी चाहिए।


किसानों को बारिश के दौरान धान को मंडी में लाने से परहेज करना चाहिए। तमाम एप पहले से मौसम की जानकारी दे देते हैं। ऐसे में किसानों को जागरूक होने की जरूरत है। मंडी में धान को बारिश से बचाने भी उचित स्थान है। अगर आढ़ती मनमानी कर रहे हैं तो ये भी उचित नहीं है। राजबहादुर, एसडीएम सदर।





like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1010K

Credits

Forum Veteran

Credits
103517
Random