फोन में 64, 128, 256GB इसी पैटर्न में क्यों मिलती है स्टोरेज? गरंटी है आपको भी नहीं पता होगा
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी नोटिस किया है कि आपके फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव या मेमोरी कार्ड इन सभी डिवाइस में जो स्टोरेज मिलती है वो एक खास तरह के पैटर्न में होती है। कुछ फोन 32, 64, 128 या फिर 256GB जैसे स्टोरेज वेरिएंट में आते हैं, लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? क्या आपके मन में भी ऐसा सवाल चल रहा है? कंपनी सीधा-सीधा 20, 50 या 100GB स्टोरेज ऑफर क्यों नहीं करती? यह सवाल आम है लेकिन इसका जवाब टेक्नोलॉजी, डिजाइन और कंपनियों की लागत से जुड़ा है। आइये आज इसी बारे में विस्तार से जानते हैं... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाइनरी सिस्टम है वजह
दरअसल डिजिटल डिवाइस सिर्फ 0 और 1 पर काम करते हैं। ऐसे में स्टोरेज भी बाइनरी पैटर्न में डिजाइन की जाती है, जहां साइज लगातार दोगुना होता है जैसे 32 फिर 64 फिर 128 और 256GB और ऐसे ही बढ़ता जाता है। बाइनरी स्ट्रक्चर में 20, 50 या 100GB जैसे राउंड फिगर फिट नहीं बैठते इसी वजह से कंपनियां इस तरह के स्टोरेज पैटर्न ऑफर करती हैं।
फिक्स्ड ब्लॉक डिजाइन
इतना ही नहीं एक स्टोरेज चिप छोटे-छोटे ब्लॉक्स से बनाई गई होती है, जिनका साइज पहले से सेट होता है। अगर 128GB की चिप में ब्लॉक्स पहले से ही फिक्स हैं, तो उसको 100GB बनाने का कोई मतलब ही नहीं है। अगर ऐसा किया जाता है तो इससे बाकि ब्लॉक्स बेकार हप जाएंगे जो प्रैक्टिकल नहीं है। इसी वजह से कंपनियां स्टैंडर्ड साइज ही ऑफर करती हैं।
कंट्रोलर की लिमिट
इसके अलावा हर चिप में एक कंट्रोलर लगा होता है जो डेटा की रीड और राइट स्पीड को मैनेज करता है। यह भी स्टैंडर्ड साइज यानी 64/128/256GB के हिसाब से बनाया गया होता है। ऐसे में अगर राउंड फिगर वाली चिप बनाने पर कंट्रोलर सही तरह वर्क नहीं करेगा तो इसकी वजह से स्टोरेज की स्पीड तक स्लो हो सकती है या करप्शन की दिक्कतें आ सकती हैं।
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