माइग्रेन से पाएं राहत: इन आदतों को अपनाएं और दर्द को दूर भगाएं (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। माइग्रेन या अधकपरी को एक न्यूरोलॉजिकल समस्या माना गया है, जिसमें सिर के एक तरफ तेज, धमक के साथ दर्द, तेज रोशनी, आवाज या तेज खुशबू से परेशानी होना, मितली या उल्टी होना, इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आमतौर पर तेज सिरदर्द की यह समस्या किसी ट्रिगर की वजह से ही शुरू होती है और बचाव को ही सबसे बेहतर उपचार माना जाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे, दर्द से बचने के लिए क्या सावधानियां बरती जा सकती हैं और बार-बार होने वाली इस तकलीफ को कम किया जा सकता है।
नींद लेने का स्मार्ट तरीका
माइग्रेन के दर्द को नींद सबसे ज्यादा ट्रिगर करती है। ऐसे में बहुत ज्यादा या कम सोना आपको तकलीफ दे सकता है। इसलिए हर दिन एक तय समय पर ही सोएं और जगें।
कोई भी मील न छोड़े
भूखे रहना सिरदर्द का सबसे आम कारण माना जाता है। दिनभर में किसी भी पहर का खाना न छोड़ें और जंक न लें।
कैफीन पर रखें नजर
यह आपके लिए ट्रिगर भी है और कई बार इलाज भी। इसकी सीमित मात्रा लेने से दर्द का प्रभाव कम होता है लेकिन अधिकता होने पर ट्रिगर का काम करता है। इसलिए आप कितने कप कॉफी या चाय ले रहें उस पर जरूर ध्यान दें।
बहुत ज्यादा या कम एक्सरसाइज
कई बार जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज माइग्रेन पेन को ट्रिगर कर देती है। लेकिन नियमित रूप से हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी आपकी पूरी सेहत के साथ-साथ आपको सिरदर्द से दूर रखने में भी मदद करती है।
पानी न पिएं कम
पानी की थोड़ी भी कमी आपको बार-बार माइग्रेन का पेन दे सकती है। हर दिन सात-आठ गिलास पानी पीकर आप सिरदर्द से दूरी बनाकर रख सकते हैं।
पीरियड के दौरान
हॉर्मोन्स में होने वाले बदलाव सिरदर्द भी दे सकते हैं। पीरियड के दौरान महिलाओं को माइग्रेन होना आम होता है। ऐसे में दर्द से राहत पाने की तैयारी पहले ही कर लें और नेचुरल तरीके अपनाएं।
स्क्रीन टाइम हो जितना कम
फोन या टीवी के सामने घंटों वक्त बिताने से आंखों पर दबाव पड़ता है। माइग्रेन से पीड़ित कुछ लोगों को आंखों के इस दबाव से सिरदर्द ट्रिगर होता है। बीच-बीच में स्क्रीन से ब्रेक लें, अपनी आंखों को थोड़ी देर के लिए बंद रखें। इससे माइग्रेन शुरू होने का खतरा कम होगा।
इस तरह रखें ट्रैक
अगरआपको नहीं पता कि आपके माइग्रेन पेन का ट्रिगर क्या है तो फिर अपने माइग्रेन अटैक का ट्रैक रखना शुरू करें। उस दिन आपने क्या खाया, आपकी दिनचर्या कैसी थी या आपने उस दिन क्या अलग किया, सबकुछ एक डायरी में नोट करें। इससे आपके डॉक्टर को भी प्रीवेंशन मेडिसिन देने में मदद मिलेगी।
दांतों का भी रखें ख्याल
अगर आपको दांत पीसने की आदत है तो यह भी माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। आप अनजाने में नींद में ऐसा करते हैं तो अपने डेंटिस्ट से बात करें। जबड़ों को स्थिर रखने के लिए वो आपको डिवाइस की सलाह दे सकते हैं।
माहौल पर भी हो नजर
तेज आवाज से लेकर तेज गंध, रोशनी जैसी चीजें भी माइग्रेन का ट्रिगर हो सकते हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि इनमें से क्या चीजें आपको सिरदर्द देती हैं और उनसे दूर बनाए रहने की कोशिश करें।
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