जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीस हजारी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर आपराधिक याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने दायर की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
याचिका में आरोप लगाया गया था कि खड़गे ने अप्रैल 2023 में कर्नाटक के नरगाल में हुई एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रीति राजोरिया ने कहा कि खड़गे का वक्तव्य किसी समुदाय, धर्म या वर्ग को लक्ष्य बनाकर नहीं दिया गया था।
यह बयान महज राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों पर आधारित था और इससे न तो किसी समूह के बीच नफरत फैलती है और न ही यह किसी प्रकार की हिंसा भड़काने वाला भाषण माना जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि कानून के अनुसार, कठोर या आपत्तिजनक आलोचना को नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं माना जा सकता, जब तक कि उसका उद्देश्य दो समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना न हो।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत भी प्रथमदृष्टया अपराध नहीं बनता क्योंकि मामले में शिकायत खुद प्रधानमंत्री ने नहीं बल्कि एक तीसरे व्यक्ति ने की है। साथ ही, अदालत ने कहा कि मानहानि के मामले में शिकायत केवल पीड़ित व्यक्ति द्वारा ही दर्ज की जा सकती है।
यह विवाद दिसंबर 2024 में भी उठा था, जब अदालत ने खड़गे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया था। उस समय भी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि खड़गे ने कर्नाटक की रैली में भाजपा और आरएसएस के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण दिया।
दिल्ली पुलिस की एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) पर विचार करने के बाद अदालत ने नौ दिसंबर 2024 को एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था।
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