संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा)। बिहार विधानसभा चुनाव की गर्मी भले ही धीरे-धीरे ठंडी पड़ रही हो, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में पंचायत चुनाव की हलचल तेज होती जा रही है। गांव की चौपालों से लेकर बाजार की दुकानों तक, हर कहीं कयासों और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, जबकि अधिकारिक तौर पर अभी पंचायत चुनाव को लेकर कोई पहल भी शुरू नहीं की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस सबके बावजूद संभावित दावेदार अभी से लोगों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में जुट गए हैं। कोई साझा कार्यक्रम के बहाने बैठक कर रहा है, तो कोई सामाजिक कार्यों में हाथ बंटाकर अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, इस बार की सबसे बड़ी पेचीदगी आरक्षण चक्र को लेकर बनी हुई है। किस पंचायत का कौन-सा पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है। इसी अनिश्चितता ने दावेदारों को खुले मैदान में उतरने से रोक रखा है। सभी अपनी तैयारी तो कर रहे हैं, पर खुलकर दावेदारी का ऐलान करने से बच रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार के गठन बाद माह दिसंबर से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। वहीं इस बार पूर्व से आरक्षित पद को मुक्त एवं सामान्य पद के आरक्षित होने की कार्रवाई सुनिश्चित बताया जा रहा है।
इधर जनता भी नए चेहरे, पुरानी सक्रियता और संभावित मुकाबलों को लेकर उत्सुक है। फिलहाल चुनावी मौसम भले आधिकारिक तौर पर शुरू न हुआ हो, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है और आने वाले दिनों में तस्वीर और भी रोचक होने की उम्मीद है। |