ट्रायल कोर्ट के आदेश को दिल्ली HC ने किया रद, 70 वर्षीय पूर्व सैन्य अधिकारी पर लगा था दुष्कर्म का आरोप_deltin51

deltin33 2025-10-1 06:06:42 views 1256
  सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म के झूठा प्राथमिकी हाई कोर्ट ने की रद।





जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 70 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय सेना के अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के झूठे मामले को रद करते हुए दिल्ली हाई काेर्ट ने कहा कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप बेतुके हैं।

न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि मामले में कार्यवाही जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और झूठे मामलों से समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा धूमिल होती है।

अदालत ने यह टिप्पणी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) इंद्रजीत सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए की। ट्रायल कोर्ट की ओर से दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर करने के आदेश को रद कर दिया।





याचिका के अनुसार इंद्रजीत सिंह और शिकायतकर्ता पड़ोसी थे। महिला ने शिकायत में कहा था कि इंद्रजीत सिंह के घर से सटा एक पार्क था और उसके घर का पिछला हिस्सा उस पार्क से सटा हुआ था।

महिला का आरोप है कि 2020 में जब वह अपने घर लौट रही थी, तो इंद्रजीत सिंह चुपचाप पार्क में घुस गए और जब उसने बाहर निकलने की कोशिश की, तो उन्होंने उसे रोक दिया।

साथ ही उन पर झपट्टा मारा व दुष्कर्म करने की कोशिश की। महिला ने कहा कि उसे उसकी मां ने बचाया था। वहीं, यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप को देखते हुए मजिस्ट्रेट अदालत ने प्राथमिकी करने का आदेश दिया था।jalandhar-city-state,shahkot news,shahkot news,flood relief effort,punjab farmers support,community assistance,sant seechewal,diesel donation,land leveling,baupur mand,haryana volunteers,sahahkot news,Punjab news   विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



वहीं, याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि निश्चित तौर पर आरोप गंभीर थे, लेकिन मजिस्ट्रेट अदालत को प्रथम दृष्टया संबंधित डीसीपी की रिपोर्ट पर विचार करना चाहिए था।

लेकिन स्थिति रिपोर्ट मांगने और उसे दाखिल करने के लिए स्थगन देने के बावजूद, मजिस्ट्रेट ने जांच में सामने आई सामग्री पर विचार किए बिना ही आदेश पारित कर दिया।

पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता की चिकित्सा रिपोर्ट में कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई थी और उसके द्वारा दिए गए वीडियो में कोई चोट नहीं दिखाई दे रही थी।



पीठ ने कहा कि यह असंभव प्रतीत होता है कि परिवार के अन्य सदस्यों सहित अन्य लोगों की मौजूदगी में 70 वर्षीय एक वृद्ध व्यक्ति ने महिला पर इस तरह से हमला किया हो।

उक्त तथ्यों को देखते हुए अपीलकर्ता के खिलाफ वसंत कुंज पुलिस थाने में हुई प्राथमिकी को रद करने का निर्देश दिया जाता है।

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