बाढ़ से बने गड्ढे को समतल करने के लिए रोज़ाना खर्च हो रहा है 7 लाख का डीज़ल (फोटो: जागरण)
संवाद सूत्र, शाहकोट। बाढ़ से हुई तबाही से उभरने के लिए पंजाब के लोग एक-दूसरे का सहारा बनकर मदद कर रहे हैं। बाऊपुर मंड क्षेत्र में किसानों द्वारा बनाया गया अस्थायी बांध 8 जगह से टूट गया था। भैणी कादर बख्श वाला टूटा बांध 20 सितम्बर को लोगों ने एकजुट होकर बांध लिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अगले दिन खेतों में बाढ़ से आई रेत और गाद को निकालने का कार्य सेवा शुरू कर दिया गया। इस काम के लिए विभिन्न जिलों से आए रोज़ाना करीब 100 ट्रैक्टर चलते हैं। हरियाणा से 35 लोगों का जत्था लेकर आए जसविंदर सिंह ने बताया कि वे पिछले पाँच दिनों से संत सीचेवाल की अगुवाई में खेतों से डीसिल्टिंग का काम कर रहे हैं। एक ट्रैक्टर में रोज़ाना लगभग सात हज़ार का डीज़ल लग जाता है।
इस हिसाब से 100 ट्रैक्टर चलने पर रोज़ाना 7 लाख का डीज़ल खर्च हो रहा है। पिछले 10 दिनों में 70 लाख का डीज़ल खर्च हो चुका है। सिरसा से आए संत जीत सिंह ने बताया कि उनका जत्था 16 ट्रैक्टर लेकर आया है। वे सिरसा से तेल भरकर आए थे और अब चार दिन बाद 2 लाख का डीज़ल एक अलग टैंकी में लेकर आए हैं। इसी तरह डीज़ल दान करने वाले भी खुलकर मदद कर रहे हैं।kanpur-city-crime,Kanpur City news, Kanpur Land Scam, Lucknow Anti Corruption, Kanpur Millionaire Lekhpal, Ring Road Project Scam, Land Acquisition Fraud, Property Fraud Kanpur,illegal land dealings,Kanpur property news,Jitendra Pratap Singh DM,बिल्हौर तहसील, कानपुर लेखपाल, करोड़पति कानूनगो,Uttar Pradesh news
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी बार-बार अपील कर रहे हैं कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अब बिस्कुट या अन्य खाने-पीने की वस्तुओं की आवश्यकता नहीं है, बल्कि किसानों के खेत समतल करने के लिए बड़े पैमाने पर डीज़ल की ज़रूरत है। संत सीचेवाल ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसानों के खेतों में ढाई से तीन फुट तक रेत और गाद जम गई है।
इसे निकालने के लिए ट्रैक्टरों और डीज़ल की मुख्य आवश्यकता है। इसके बाद लेज़र वाले हल से खेतों का लेवल करने और गेहूँ के बीज की ज़रूरत पड़ेगी। संत सीचेवाल ने ट्रैक्टर और डीज़ल लाने वालों का धन्यवाद किया जो इस कठिन समय में किसानों का साथ दे रहे हैं।
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