राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड राज्य की रजत जयंती पर नागरिकों से सशक्त, समृद्ध और विकसित झारखंड बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर नागरिकों से सशक्त, समृद्ध और विकसित झारखंड बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। शनिवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल ने कहा कि राज्य के समक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी चुनौतियां अवश्य हैं, लेकिन जन सहयोग, सुशासन और दूरदर्शी नीतियों से इन चुनौतियों का समाधान पूरी तरह संभव है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में झारखंड ने शिक्षा, कृषि, खनन, ऊर्जा, खेल और संस्कृति सहित अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है। उन्होंने धार्मिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्थलों के योजनाबद्ध विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
राज्यवासियों के लिए आत्मगौरव, आत्मचिंतन और आत्म संकल्प का क्षण
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि झारखंड का 25 वर्ष पूरा होना सभी राज्यवासियों के लिए आत्मगौरव, आत्मचिंतन और आत्म संकल्प का क्षण है। इस राज्य की नींव जन-आकांक्षाओं, संघर्षों और सपनों की भूमि पर रखी गई है।
राज्यपाल ने भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, फूलो-झानो समेत सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान ने इस पावन धरती की गौरवगाथा को और अधिक समृद्ध किया है।
अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि और संकल्प के कारण ही राज्य का गठन संभव हो सका
उन्होंने झारखंड राज्य के गठन में योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि उनकी दूरदृष्टि और संकल्प के कारण ही इस राज्य का गठन संभव हो सका। उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन इसलिए भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है।
पूरा देश धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मना रहा है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के असाधारण योगदान को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ा।
उन्होंने कहा कि जब झारखंड राज्य अस्तित्व में आया, तब वे केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य थे और लोकसभा सदस्य के रूप में राज्य के गठन के पक्ष में मतदान कर अपना योगदान दिया था। उन्होंने दिवंगत दिशोम गुरू शिबू सोरेन को स्मरण करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। |