सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
राज्य ब्यूृरो, जागरण, श्रीनगर। दिल्ली में गत दिनो हुए बम विस्फोट में लिप्त आतंकी जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवतुल हिंद के वाइट कॉलर माड्यूल का पर्दाफाश करने में नौगाम पुलिस स्टेशन की ही मुख्य भूमिका है। आतंकी माडयूल ने नौगाम में ही सबसे पहले पोस्टर लगाए थे और उनकी जांच करते हुए नौगाम पुलिस स्टेशन ने दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों में फैले इस माड्यूल को बेनकाब किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस माड्यूल के तार तुर्किए, पाकिस्तान और अफगानीस्तान से भी जुड़े हैं। इस माड्यूल के एक सदस्य डॉ. मुजम्मिल गनई की निशानदेही पर फरीदाबाद स्थित उसके ठिकाने से बरामद 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट के अलावा अन्य विस्फाेटक नौगाम पलिस स्टेशन मेें ही रखे गए थे।
रात सवा ग्यारह बजे हुआ विस्फोट
शुक्रवार की रात करीब सवा ग्यारह बजे इन विस्फोटकों की जांच के दौरान धमाका हुआ, जिसमे थाने की इमारत लगभग नष्ट हो चुकी है। धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी आवाज लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में सुनी गई। थाने के आस पास कई मकानों में दरारें आ गई, कईयों के शीशे चटखकर टूट गए। थाना परिसर में बनी पार्किेग में खड़े कई वाहन भी जल गए। बताय जा रहा है कि मरने वालों में से कईयों के शरीर केविभिन्न हिस्से आस पास के मकानों से भी मिले हैं।
पुलिस स्टेशन में सुरक्षित रखा था विस्फोटक
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने कहा कि फरीदाबाद से बरामद भारी मात्रा में विस्फोटकों को मानक प्रक्रिया के तहत नौगाम पुलिस स्टेशन में सुरक्षित और संग्रहीत किया गया है। बीते दो दिनों से इसकी जांच की जा रही थी और नमूने लिए जा रहे थे। निर्धारित सुरक्षा उपायों को पूरी तरह से लागू किया गया था और इसके बावजूद बीती रात अचानक विस्फोट हो गया। इसमें नौ लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और 29 अन्य घायल हो गए। इस पूरे मामले की जांच जारी है।
29 घायलों में 24 पुलिसकर्मी
इस बीच, संबधित अधिकारियों ने बताया कि 29 घायलों में 24 पुलिसकर्मी हैं। इन सभी को श्रीनगर के विभ्िान्न अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है,तीन की हालत अत्यंत नाजुक है। उन्होंने बताया कि आज सुबह एक एफएसएल की टीम ने नौगाम पुलिस स्टेशन का दौरा किया औररात को हुए धमाके के संदर्भ में वहां से आवयक सुबूत जमा किए हैं। इसके अलावा विस्फोट के समय मौके पर मौजूद रहे कुछ घायलाें के भी बयान दर्ज किए गए हैं।
पोस्टरों की जांच ले गई वाइट कॉलर माड्यूल तक
नौगाम पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नाइकबाग और उसके आस पास के कुछ इलाकों में अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में जैश ए मोहम्मद के पोस्टर मिले थे। नौगाम पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरु की। जांच के दौरान पुलिस ने मौलवी इरफान अहमद समेत पांच लोगों को पकड़ा।
मौलवी से भी मिले पोस्टर
मौलवी के कमरे की तलाशी के दौरान जैश के तीन पोस्टर भी मिले और उसके मोबाइल फोन व लैपटाप से उसके आतंकी कनेक्शन की जानकारी मिली। उसने अपनी पूछताछ में कोईल पुलवामा के रहने वाले डाक्टर मुजम्म्िल गनई,डा उमर नबी और कुलगाम के डाक्टर अदील अहमद राथर व उसके भाई और कु अन्य लोगों के नाम लिए और पूरे माडयूल का खुलासा करते हुए बताया कि अल फलाह यूनिवर्सिटी जिहादी तत्वों का केंद्रबनी है।
डॉ. आदिल और मुजम्मिल के ठिकानों से मिले विस्फोटक
नौगाम पुलिस ने मौलवी इरफान अहमद से मिले सुरागों के आधार पर डा अदील अहमद राथर और डा मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार किया। डा अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया और जीएमसी अस्पताल अनंतनाग से उसकी निशानदेही पर एक एसाल्ट राइफल व अन्य साजो सामान बरामद किया गया । इसके बाद डॉ. मुजम्मिल गनई की निशानदेही पर फरीदाबाद स्थित उसके ठिकाने से गत रविवार नौ नवंबर को 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक जिनकी कुल मात्रा तीन हजार किलो से ज्यादा है बरामद किए गए।
अफगानीस्तान में छिपा हो सकता है डॉ. मुजफ्फर
उसकी निशानदेह पर दो पिस्तौल और एक क्रिंकोव राइपल भी मिली है। डॉ. मुजम्मिल से मिली जानकारी के आधार पर डा शहीन शाहिद, डा परवेज व अन्य आतकी पकड़े गए। डॉ. उमर नबी पकड़ में नहीं आया और उसने ही 10 नवंबर को लाल किले के पास आत्मघाती हमला किया। इस हमले में 13 लोग मारे गए। डॉ. आदिल के भाई डॉ. मुजफ्फर की भी तलाश की जा रही है औ उसके अफगानीस्तान में छिपे होने की संभावना है।
नौगाम में रखा था 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट
फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल गनई की निशानदेही पर बरामद विस्फोटकों में से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक नौगाम पुलिस स्टेशन में लाकर रखे गए थे। इनकी गत गुरूवार से जांच हाे रही थी शुक्रवार की रात को अचानक इनमें धमाका हो गया और नौ लाेगों की जान चली गई। |
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