जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। रोहिणी स्थित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के स्वजन को 38.26 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने कहा कि मृतक व्यक्ति परिवार का एकमात्र कमाने वाला था और पूरा परिवार उस पर निर्भर था। इसलिए याचिकाकर्ता के सभी पांच सदस्य मुआवजे के हकदार हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
न्यायाधिकरण की पीठासीन अधिकारी ऋचा मनचंदा ने आठ साल पहले हुए सड़क हादसे केस की सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को निर्णय दिया। याचिका के अनुसार, मोटर साइकिल पर जा रहे दीपक सिंह की 30 जुलाई, 2017 को एक कार की टक्कर से मृत्यु हो गई थी।
दीपक सिंह नरेला क्षेत्र के खामपुर स्थित मुख्य जीटी रोड बस स्टैंड के पास लाल बत्ती पार कर रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे वह सड़क पर गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्हें दिल्ली के नरेला स्थित एसआरएचसी अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद लोक नायक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। न्यायाधिकरण ने माना है कि दीपक सिंह को सड़क दुर्घटना में घातक चोटें आईं, क्योंकि दुर्घटना की तारीख और समय पर अपराधी वाहन के चालक ने लापरवाही से गाड़ी चलाई थी।
न्यायाधिकरण ने विभिन्न मदों में 38.26 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह भी पढ़ें- दिल्ली में नर्सरी, केजी और पहली में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के दाखिले की तैयारी पूरी, 19 नवंबर को होगा ड्रा |