नंद किशोर भारद्वाज, सोनीपत। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में सख्त रुख अपनाते हुए गोहाना के तहसीलदार जीवेंद्र मलिक को पदावनत कर नायब तहसीलदार बना दिया है। गुरुग्राम में नायब तहसीलदार के रूप में तैनाती के दौरान उनके खिलाफ एक प्रकरण में चार्जशीट दायर की गई थी, जिसके आधार पर रूल-7 के तहत यह विभागीय कार्रवाई की गई। सरकार ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया कि अब वह सेवानिवृत्ति तक नायब तहसीलदार के पद पर ही रहेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रिश्वत मामले में तीन साल की सजा, हाईकोर्ट में जारी अपील
सूत्रों के अनुसार, पटवारी रहते हुए जीवेंद्र मलिक रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किए गए थे। निचली अदालत ने उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी है, जो अभी विचाराधीन है। सरकार की यह कार्रवाई उसी प्रकरण के आधार पर आगे बढ़ाई गई है।
कई जिलों में संवेदनशील पदों पर तैनाती
जीवेंद्र मलिक पहले गुरुग्राम, सोनीपत, खरखोदा व गोहाना जैसे महत्त्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। वर्तमान में वह गोहाना में तहसीलदार के तौर पर कार्यरत थे, लेकिन लंबे समय से अवकाश पर चल रहे हैं और कार्यालय नहीं पहुंच रहे। बताया जाता है कि उनका पुत्र भी गुरुग्राम में नायब तहसीलदार पद पर कार्यरत है।
राजस्व मंत्री का बयान: “कानून से ऊपर कोई नहीं”
इस मामले पर बातचीत के दौरान राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “कानून से ऊपर कोई नहीं। जिन मामलों में आरोप साबित होते हैं, उनमें विभागीय कार्रवाई अनिवार्य है।” सरकारी आदेश के बाद जीवेंद्र मलिक अब शेष सेवा अवधि नायब तहसीलदार के पद पर ही पूरा करेंगे।
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