LHC0088 • 2025-11-15 03:07:02 • views 709
जागरण संवाददाता, शामली : जिले में प्रदूषित हवा कम होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को यह 330 हो गया तो लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में भी तकलीफ हुई। अब चिकित्सक लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह श्रेणी अत्यंत खराब होती है, इसलिए मास्क का भी प्रयोग करना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले में प्रदूषण बढ़ चुका है, और पड़ोसी जिलों की तर्ज पर शामली भी अत्यंत खराब श्रेणी से जूझ रहा है। एक्यूआइ अब 300 पार हो चुका है। पिछले दिनों से यह कभी बढ़ रहा है, तो कभी मामूली घट रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो दीपावली के एक दिन बाद एक्यूआइ 260 पर था, लेकिन फिर घटकर 150 और इसके बाद 300 व 304 और 309 तक पहुंच चुका है।
इसके बाद यह मामूली घटकर 307 पर था। अब फिर से यह बढ़कर चुका है, और अब तो 330 पर पहुंच गया है। यह श्रेणी अत्यंत खराब की होती है। इसका असर सुबह से ही लोगों की सेहत पर दिखाई देने लगा था। आंखों में जलन के साथ ही कई लोगों की सांस भी फूल रही थी।
आशीष ने बताया कि वह सुबह घूमने निकले तो आंखों में जलन के साथ ही सांस लेने में परेशानी हुई तो रास्ते से ही घर की ओर वापस हो गया। गौरव ने भी कहा कि दिन में प्रदूषण के चलते परेशानी हो रही थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर के क्षेत्रीय अधिकारी गीतेश चंद्रा का कहना है कि शामली की सटीक जानकारी तो नहीं है, लेकिन मुजफ्फरनगर के सापेक्ष आंकड़ों से शामली का एक्यूआइ 330 होने का अनुमान है।
- बच्चाे व वृद्धों को सर्वाधिक मुश्किलजिला अस्पताल के सीएमएस डा. किशोर आहूजा ने बताया कि प्रदूषण के कारण अस्थमा या सांस के रोगियों को परेशानी होती है। ऐसे में उनकी सांस फूलने लगती है, और उनको काफी तकलीफ रहती है। ऐसे माहौल में इस तरह के रोगी को घर में रहना चाहिए। नेत्र रोग चिकित्सक डा. उमंग अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन होती है। यदि आंखों में जलन होती है तो घर जाकर आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए।
एक्यूआइ की श्रेणी
- 0 से 50 - अच्छा
- 50 से 100 - संतोषजनक
- 100 से 200 - संवेदनशील
- 200 से 300 - खराब
- 300 से 400- अत्यंत खराब
- 400 से 500 - खतरनाक
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