जीत की खुशी में अबीर गुलाल लगाकर खुशियां मनाते एनडीए कार्यकर्ता। जागरण
अबुल कैश नैयर, दरभंगा । ऐसे तो संपूर्ण बिहार में राजग की आंधी में महागठबंधन का खूंटा ऐसा उखड़ा कि बड़े से बड़े सूरमा धाराशाई हो गए , लेकिन जिले के केवटी में हैदराबाद के सांसद ओवैसी की पार्टी ने तो कमाल ही कर दिया। ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने वैसे तो जाले और गौड़ाबौराम में भी उम्मीदवार उतारे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जाले में चुनाव से पहले जनसभा भी की थी। उनके प्रत्याशी जाले और गौड़ाबौराम में कुछ विशेष समर्थन नहीं दिखा सके। मगर चुनाव की घोषणा होते ही राजद प्रदेश महासचिव पद से त्यागपत्र दे कर ओवैसी की पार्टी में जाने वाले अनीसुर रहमान ने तो कमाल ही कर दिया।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि केवटी से भाजपा प्रत्याशी मुरारी मोहन झा की लगातार दूसरी जीत की राह अगर किसी ने संभव बनाई है तो वह ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी अनीसुर रहमान हैं। इसकी गवाही स्वयं चुनाव परिणाम के आंकड़े दे रहे हैं।
मुरारी मोहन झा को कुल प्राप्त मतों की संख्या 89123 है। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के फराज फातमी को 81818 मत मिले। फराज फातमी पर मुरारी मोहन झा कुल 7305 मतों के अंतर से अपनी जीत दर्ज कराने में सफल रहे। ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के प्रत्याशी अनीसुर रहमान ने कुल 7474 मत प्राप्त किए। स्वाभाविक है कि ओवैसी की पार्टी से अनीसुर रहमान ने 7474 मत प्राप्त नहीं किए होते तो चुनाव परिणाम बदल सकते थे।
यह भी बताते चलें कि ओवैसी की पार्टी के किसी प्रत्याशी ने हाल के वर्षों में हुए किसी चुनाव में दरभंगा में इतनी हानि नहीं पहुंचाई जितनी केवटी और दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पहुंचाई। दरभंगा ग्रामीण से जदयू के राजेश कुमार मंडल ने 80355 मत हासिल किए। राजद के ललित कुमार यादव 61902 मत हासिल कर 18453 मत से पिछड़ गए। यहां एआइएमआइएम के प्रत्याशी मो. जलालुद्दीन साहिल 16966 मत हासिल किए। यदि औवेसी की पार्टी मैदान में नहीं होती तो वहां भी हार-जीत का अंतर इतना कम हो जाता कि नतीजा कुछ भी हो सकता था। |
|