जागरण संवाददाता, कानपुर। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी एक बार फिर शिक्षकों और चिकित्सा अधिकारी समेत कई पदों पर भर्ती करने जा रहा है। विश्वविद्यालय ने 13 विभागों में 26 शिक्षकों और परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। परीक्षा नियंत्रक पद पर भर्ती के लिए लगभग छह महीने पहले भी प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन कोई योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल सका। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एचबीटीयू में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पिछले तीन साल से लगातार भर्ती प्रक्रिया का संचालन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने अब एक बार फिर विभिन्न विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर , एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। इसके प्रोफेसर के 10, एसोसिएट प्रोफेसर के 10 और असिस्टेंट प्रोफेसर के छह पदों पर भर्ती की जाएगी।
एक चिकित्सा अधिकारी, एक कंप्यूटर प्रोग्रामर और एक पद परीक्षा नियंत्रक का भी है। इस तरह कुल 29 पदों पर भर्ती की जाएगी। सभी पदों पर 28 नवंबर 2025 तक आवेदन किए जा सकेंगे। प्रोफेसर पद पर आयल टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, केमिस्ट्री, पेंट टेक्नोलाजी, प्लास्टिक टेक्नोलाजी , फूड टेक्नोलाजी,मैथमेटिक्स, लेदर और सिविल इंजीनियरिंग विभाग में रिक्तियां हैं।
इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर पद पर भी आयल टेक्नोलाजी, एमसीए, केमिकल इंजीनियरिंग, पेंट टेक्नोलाजी, प्लास्टिक टेक्नोलाजी, फूड टेक्नोलाजी और सिविल इंजीनियरिंग शामिल है। बताया जाता है कि पिछली भर्ती के दौरान चिकित्सा अधिकारी पद पर चयन हुआ था लेकिन चयनित चिकित्सक ने कुछ दिनों में काम छोड़ दिया है।
इधर, सीएसजेएमयू में समर्थ पोर्टल पर अभी तक अपलोड नहीं हुए एलएलबी के परीक्षा परिणाम
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ( सीएसजेएमयू) में एक ओर जहां सेमेस्टर परीक्षा कराई जा रही है वहीं पिछले महीने घोषित एलएलबी का परीक्षा परिणाम भी अभी तक समर्थ पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है। महाविद्यालयों से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र इस नई समस्या से परेशान हो रहे हैं। पीड़ित छात्रों के अनुसार दूसरे सेमेस्टर की एलएलबी परीक्षा का परिणाम विश्वविद्यालय ने 31 अक्टूबर को जारी किया है। इसके बावजूद अभी तक समर्थ पोर्टल पर परीक्षा परिणाम दिखाई नहीं दे रहा है। इसकी वजह से तीसरे सेमेस्टर के विषयों का भी चयन नहीं हो पा रहा है। इस बारे में महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर से भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है। |